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कोविड-19 के मराजों के इलाज के लिए मप्र में शुरू हुआ पहला पलाज्मा बैंक

Update: 2020-07-01 06:44 GMT

इंदौर। प्लाज्मा थेरेपी तकनीक कोविड-19 के मरीजों के इलाज में उम्मीद की किरण बनती नजर आ रही है। इसी के चलते प्रदेश सरकार ने प्लाज्मा बैंक की इंदौर के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को औपचारिक शुरुआत की। अधिकारियों ने बताया कि यह प्लाज्मा बैंक श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) में 20 प्लाज्मा इकाइयों के साथ शुरू किया गया है। इस बैंक में ऐसे दानदाताओं का प्लाज्मा जुटाया जा रहा है जो इलाज के बाद कोविड-19 को मात दे चुके हैं।

सैम्स के छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी का कहना है कि कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे अन्य अस्पतालों के अनुरोध पर उन्हें भी प्लाज्मा बैंक से प्लाज्मा मुहैया कराया जाएगा। कोविड-19 से पूरी तरह उबर चुके लोगों के खून में ''एंटीबॉडीज'' बन जाती हैं जो भविष्य में इस बीमारी से लड़ने में उनकी मदद करती हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए व्यक्ति के खून से प्लाज्मा अलग किया जाता है और इसे संक्रमित मरीज के शरीर में डाला जाता है ताकि वह इस रोग को मात दे सके। इंदौर, देश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक इस महामारी के कुल 4,709 मरीज मिले हैं। इनमें से 229 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 3,452 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं।

प्लाज्मा बैंक कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कारगर साबित होगी

स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी की शुरूआत करने वाले सैम्स द्वारा राज्य के पहले प्लाज्मा बैंक की स्थापना की जा रही है। उम्मीद है कि प्लाज्मा थेरेपी से इलाज कराने वाले मरीजों के लिए इस बैंक की स्थापना बेहद कारगर साबित होगी।

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