मप्र में सरकारी डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म, कोर्ट के आदेश के बाद काम पर लौटेंगे

Update: 2023-05-03 07:21 GMT

भोपाल। मप्र में जारी डॉक्टर्स की हड़ताल कोर्ट के आदेश के बाद खत्म हो गए।  मेडिकल एसोसिएशन ने हड़ताल वापिस लेते हुए सभी डॉक्टर्स को कल से काम पर लौटने का आदेश दिया है।  प्र शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने इसकी पुष्टी की है। उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट के आदेश का हम सम्मान करते हैं। अभी कोर्ट का आदेश नहीं मिला है। आदेश को पूरा अध्ययन करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।

सूत्रों का कहना है की कोर्ट के आदेश पर डॉक्टरों ने हड़ताल तो खत्म कर दी है, लेकिन उनका आंदोलन जारी रहेगा। डॉक्टर अब सामूहिक इस्तीफे की तैयारी कर रहे हैं।  गुरुवार सुबइस संबंध में  कोई निर्णय लिया जाएगा।

यह हैं प्रमुख मांगें 

केंद्र सरकार, बिहार और अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के चिकित्सकों के लिए डीएसीपी योजना का प्रावधान हो। स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और ईएसआई की वर्षों से लंबित विसंगतियां दूर की जाएं। चिकित्सकीय विभागों में तकनीकी विषयों पर प्रशासनिक अधिकारियों का हस्तक्षेप दूर किया जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत संविदा चिकित्सकों (एबीबीएस) की एमपीपीएससी के माध्यम से की जाने वाली नियुक्ति/ चयन प्रक्रिया में प्रतिशत परिधि को समाप्त कर संशोधन किया जाए। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के ग्रेजुएशन के बाद ग्रामीण सेवा बॉन्ड राशि को कम किया जाए और ट्यूशन फीस भी कम की जाए जो देश में सबसे अधिक है। विभाग में कार्यरत समस्त बंधपत्र चिकित्सकों का वेतन समकक्ष संविदा चिकित्सकों के समान किया जाए। 

चिकित्सा शिक्षा। आयुक्त जान किंग्सले का कहना है कि सरकारी सेवा में रहते हुए पीजी के लिए आने वाले जूनियर डॉक्टर, इंटर्न डॉक्टर काम करेंगे। निजी मेडिकल कालेज के डॉक्टरों को बुलाया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार रोगियों को निजी मेडिकल कालेजों में भी भेजेंगे। नर्सिंग होम्स की सेवाएं ली जाएंगी। बंधपत्र वाले चिकित्सकों ने आंदोलन किया तो उनकी बंधपत्र की अवधि अधूरी मानी जाएगी।

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