नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।: हनुमान चालीसा से रोगी हो रहे हैं जल्द स्वस्थ
भोपाल: हनुमान चालीसा का पाठ करने और उसे सुनने से स्वास्थ्य पर चमत्कारिक प्रभाव पड़ता है। चिकित्सक इसे ब्रीदिंग एक्सरसाइज की संज्ञा देते हैं। जब किसी रोगी से हनुमान चालीसा का पाठ करवाया जाता है तो उसके मस्तिष्क में डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर सक्रिय हो जाते हैं यह मानव शरीर में 'फील गुड' का कारण बनते हैं। मामला हृदय रोग का हो या ऑपरेशन का हनुमान चालीसा का पाठ रामबाण की तरह काम करता है।
हनुमान चालीसा से कष्ट दूर होते हैं, इस पर चिकित्सा विज्ञान की भी मोहर लग गई है। चिकित्सकों ने कई प्रयोगों के बाद कहा है कि 'नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा' जैसी अद्भुत पंक्तियों में चमत्कार छिपा हुआ है। अगर कोई सही तरीके से हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो उस व्यक्ति के शरीर में कुछ ऐसे केमिकल बनते हैं जो उसे स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं। वहीं अगर किसी को कोई और गंभीर रोग हो जाए तो ऐसे मरीजों को उचित चिकित्सा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करवाने और सुनवाने से उसे जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
चिकित्सकों ने ऑपरेशन के बाद हनुमान चालीसा का प्रयोग मरीजों पर किए तो पाया कि उनकी रिकवरी ग्रोथ अन्य मरीजों से 25 प्रतिशत तक ज्यादा रही। हनुमान चालीसा की पंक्तियों को लेकर चिकित्सक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इन्हें पढ़ना और सुनना दिमाग के लिम्बिक सिस्टम को कंट्रोल करता है जिससे स्वत: ही तनाव, याद और भावनात्मक प्रतिक्रिया नियंत्रित हो जाती है। हनुमान चालीसा पर ताजा शोध बताते हैं ये सिर्फ धार्मिक कर्मकांड नहीं है, इसके भीतर छिपी ऊर्जा रोग निवारण का कारण भी बन रही है।
चिकित्सकीय शोध का नतीजा है कि 'रामदूत अतुलित बलधामा’ एक मंत्र की तरह काम करता है। तुलसीदास जी रचित हनुमान चालीसा पाठ की विशिष्ट लय से उत्पन्न ध्वनि कंपन, रोगी के शरीर से कोर्टिसोल यानि स्ट्रेस हार्मोन को कम करता है और सेरोटोनिन-डोपामीन को बढ़ा देता है।
यह शरीर के शांति तंत्र 'पैरासिंपेथेटिक सिस्टम' को सक्रिय कर सकारात्मक ऊर्जा में कई गुना वृद्धि कर देता है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति अब इस सब पर रिसर्च कर रही है। लेकिन सनातन धर्म और वेदों में ऐसे कई मंत्रों का वर्णन है जिनके जाप और साधना से रोगों से मुक्ति की राह प्रशस्त होती है।
मैंने स्वयं हनुमान चालीसा पाठ का प्रयोग कई मरीजों पर करके देखा। इसके बहुत ही अद्भुत और विलक्षण परिणाम देखने को मिले। जिन मरीजों की आस्था ज्यादा थी उन्हें लाभ भी कई गुना ज्यादा तेजी से हुआ। हनुमान चालीसा पढ़ने और सुनने से शरीर में एक विशेष किस्म का कम्पन होता है और वे कुछ विशेष हारमोन मन मस्तिष्क में डवलप करवाता है।
रोगी की ब्रीदिंग स्टाइल बदल जाती है। बड़ी तेजी से उसमें सकारात्मक बदलाव आने लगते हैं। हमने कुछ मेजर ऑपरेशन के बाद मरीज पर अध्ययन किया और पाया कि हनुमान चालीसा के पाठ की वजह से मरीज का रिकवरी दर कई गुना बढ़ गई। - "डॉ जेपी पालीवाल, सर्जन"
"हनुमान चालीसा सुनने और पढ़ने को अब चिकित्सक भी उपयोगी मानने लगे हैं। न्यूरोलॉजिस्ट ने कई प्रयोगों के बाद निष्कर्ष निकाला कि कैसे यह आपकी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान व्यक्ति एक निश्चित लय में सांस लेता और छोड़ता है। यह लयबद्ध श्वसन प्रक्रिया शरीर की एचआरवी को बेहतर बनाती है। बेहतर एचआरवी का अर्थ है कि व्यक्ति का शरीर तनाव से बेहतर तरीके से निपट सकता है।" - डॉ श्वेता अड़ातिया, न्यूरोलॉजिस्ट