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कांग्रेस का किसान आंदोलन : 15 को चक्काजाम, मुरैना-छिंदवाड़ा में किसान सम्मेलन

23 को घेरेंगे राजभवन

Update: 2021-01-07 14:42 GMT

भोपाल। कृषि कानूनो के विरोध में दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के बीच प्रदेश में कांग्रेस ने बड़ा ऐलान किया है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा की कृषि कानूनों के विरोध और किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदेश में सड़कों पर आन्दोलन होगा। इसके तहत 15 जनवरी को प्रदेश के सभी जिलों में 2 घंटे चक्काजाम किया जायेगा। इसके बाद 16 जनवरी को छिंदवाड़ा में किसान सम्मेलन, 23 जनवरी को मुरैना में किसान सम्मेलन और 20 जनवरी को राजभवन का घेराव किया जायेगा।  

पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रेस वार्ता में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा की केंद्र सरकार इन कृषि कानूनों की मदद से कृषि क्षेत्र का निजीकरण करेगी और किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन पुरस्कार (एमएसपी) नहीं मिल पाएगा। "सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून हमारे कृषि क्षेत्र का निजीकरण कर रहे हैं। अब कोई भी मंडियों का दर्जा ले सकता है। बड़े कॉरपोरेट या कारोबारी लोग अब अपनी मंडी बना सकते हैं। 

एनडीए के घटक दल कर रहे विरोध -

उन्होंने कहा की इन कानूनों विरोध सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि एनडीए के घटक दल भी इसका विरोध कर रहे है। उन्होंने याद दिखाते हुए कहा की अकाली दल और जननायक जनता पार्टी जैसे दलों ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर एनडीए का साथ छोड़ दिया है। वहीँ एनडीए के अन्य घटक दल जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय लोक दल भी इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह एमएसपी को खत्म करने वाला कानून है।  

प्रदेश का किसान होगा प्रभावित -

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की इस कानून के बाद किसान कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिए मजबूर हो जायेगा। मप्र की 70 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। इसके बावजद महज 20 फीसदी किसानों को ही एमएसपी का लाभ मिलता है। उन्होंने कहा की इसका सबसे ज्यादा प्रभाव मप्र के किसानों पर पड़ेगा।  




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