महंगी होगी इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की पढ़ाई: प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने तीन साल के लिए निर्धारित की कॉलेजों की फीस
भोपाल। मध्यप्रदेश की प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने प्रदेश की 260 निजी कॉलेजों के लिए अगले तीन साल की तीन सत्र 2025-26, 2026-27 और 2027-28 के लिए फीस तय कर दी है। चूंकि तकनीकी शिक्षा विभाग की काउंसलिंग का अगले चरण में बीई और एमबीए की अलाटमेंट होना है। इससे पहले ही कमेटी ने तकनीकी विभाग के सभी कॉलेजों की फीस निर्धारित कर दी है।
बताया जाता है कि समिति को निजी कॉलेजों ने फीस बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसमें बीटेक के लिए दो लाख और एमबीए के लिए ढाई लाख तक की फीस निर्धारित करने के प्रस्ताव भेजे थे। समिति ने कॉलेजों के प्रस्ताव पर कैंची चलाते हुए नया फी स्ट्रक्चर जारी किया है। समिति ने 260 कॉलेजों की फीस निर्धारित की है। इसमें इंजीनियरिंग के 20, एमबीए के 43, एमसीए के 13, एमटेक के 23 और बीफार्मा, डीफार्मा और एमफार्मा के 160 कॉलेज शामिल है, जिनके प्रस्ताव पर सुनवाई कर फीस निर्धारण किया गया है।
इतनी रहेगी फीस
समिति के अनुसार इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों की फीस में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है। अब इंजीनियरिंग की अधिकतम फीस सालाना 1 लाख 44 हजार और एमबीए की अधिकतम फीस 1 लाख 90 हजार रूपए सालाना रहेगी, वही दोनों की न्यूनतम सालाना फीस 40 हजार रूपए तय की है। इसी तरह एमटेक की सालाना फीस 62 हजार रूपए और अधिकतम 71 हजार रूपए निर्धारित कर दी गई है।
अन्य कोर्सेस की भी फीस तय
समिति ने एमसीए की अधिकतम फीस 73 हजार और न्यूनतम 40 हजार , एमटेक की अधिकतम 71 हजार और न्यूनतम 60 हजार, बीफार्मा की अधिकतम फीस 1 लाख और न्यूनतम चालीस हजार और एमफार्मा की अधिकतम 1 लाख 40 हजार और न्यूनतम 62 हजार, डीफार्मा की अधिकतम फीस 77 हजार और न्यूनतम फीस 30 हजार सालाना निर्धारित की गई है।
इनका कहना है
प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति ने तकनीकि कॉलेजों की जो फीस बढ़ाई है, वह सही है। हम समिति के निर्देशों का पालन करेंगे।
- गौरव ठकराल, वाइस चेयरमैन ओरिएंटल कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी भोपाल