15 अगस्त को सार्वजनिक होगा 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' का रोडमैप

Update: 2020-07-25 01:00 GMT


भोपाल, मध्य स्वदेश संवाददाता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को साकार करने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार किया जा रहा है, जिसे आगामी 15 अगस्त को प्रदेश की जनता के सामने रखा जाएगा। इसके अंतर्गत उन क्षेत्रों की पहचान की जा रही है, जिनमें मध्यप्रदेश नेता की भांति उभर सकता है। प्रदेश के प्रत्येक जिले की एक विशिष्टता की पहचान कर उसे विकसित किया जाएगा तथा विश्व स्तर पर लाने का प्रयास किया जाएगा। स्व-सहायता समूहों एवं लघु, कुटीर उद्योगों के माध्यम से 'लोकल को वोकल' बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में आत्मनिर्भर भारत अंतर्गत 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' की कार्ययोजना के प्रस्तुतीकरण को देख रहे थे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्राप्त सुझावों के आधार पर यह प्रस्तुतीकरण तैयार किया गया है। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना का एक प्रमुख बिन्दु स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल एवं संसाधनों के आधार पर लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढावा देना होगा। इस कार्य में स्व-सहायता समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हर जिले को अलग पहचान दिलाने में स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

उन्होंने कहा कि योजनांतर्गत किसानों को उनकी निजी भूमि पर वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। किसानों द्वारा उनके खेतों में लगाए गए सागौन आदि के पेड़ों को काटने के लिए सरल प्रक्रिया बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्त्र उद्योग में रोजगार की संभावनाएं बहुत अधिक है, इसे अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को बढ़ावा देने, प्रदेश में 'वन नेशन-वन मार्केट' की अवधारणा को फलीभूत करने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गाँव-गाँव में गुणवत्ता शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए पूर्णत: सुसज्जित स्कूल खोले जाने की योजना है। उन्होंने सीएसआर फंड के लिए नीति बनाने की बात भी कही। 

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