आधार रियल्टी फ्लैट धांधली मामला: EOW ने फर्म संचालकों के खिलाफ दर्ज की FIR...

आधार रियल्टी फर्म द्वारा नगर निगम के पक्ष में बंधक रखी गई जमीन का नियमों के विरुद्ध विक्रय, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जांच में खुलासा, एफआईआर दर्ज

Update: 2025-04-29 14:10 GMT

गुरजीत कौर, भोपाल: आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, भोपाल द्वारा की गई जांच में यह सामने आया है कि आधार रियल्टी फर्म के संचालकों ने नगर निगम कोलार, भोपाल के पक्ष में बंधक रखे गए फ्लैट्स को बिना अनुमति के बेच दिया। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।

शिकायतकर्ता आशीष श्रीवास्तव ने EOW प्रकोष्ठ में शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया था कि, आधार रियल्टी फर्म ने "आधार सिम्फनी" नामक आवासीय परियोजना में नगर निगम के लिए सुरक्षित रखे गए फ्लैट्स को नियमों का उल्लंघन करते हुए बेचा है। इस फर्म का गठन दिलीप बच्चानी, हर्षिता बच्चानी और आशीष श्रीवास्तव ने साल 2011 में किया था।

परियोजना के लिए मंजूर विकास अनुमति में यह शर्त रखी गई थी कि, कुल फ्लैट्स का 25 प्रतिशत हिस्सा नगर निगम के पक्ष में बंधक रखा जाएगा। इस शर्त के पीछे कारण था कि भविष्य में कॉलोनी के विकास और ईडब्ल्यूएस/एलआईजी (आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग) के लिए फ्लैट्स का निर्माण सुनिश्चित हो सके।

बंधक पत्र दिनांक 25 जनवरी 2014 के तहत कुल 47 फ्लैट्स (4282.10 वर्गमीटर) नगर निगम के पक्ष में वैध रूप से बंधक किए गए थे। बाद में दिनांक 24 अक्टूबर 2017 को संशोधित बंधक डीड निष्पादित कर कुछ प्रकोष्ठों में परिवर्तन कर कुल 45 फ्लैट्स को बंधक बनाए रखा गया था। फर्म द्वारा प्रथम चरण में 115 फ्लैट्स का निर्माण कर बेचा दिया गया, जबकि शेष भूमि (लगभग 1 एकड़) द्वितीय चरण हेतु सुरक्षित थी, जिसमें बंधक फ्लैट्स भी प्रस्तावित थे।

इन बंधक फ्लैट्स को नगर निगम की पूर्व अनुमति के बिना दिनांक 10 नवंबर 2022 को प्रिया हरपलानी को बेच दिया गया। बेचते समय गलत जानकारी दी गई कि, संपत्ति किसी भी बंधक से मुक्त है, जबकि जमीन पहले से ही नगर निगम के पक्ष में बंधक थी।

गरीबों के अधिकारों पर चोट

जांच में यह भी सामने आया कि प्रिया हरपलानी को भूमि की बंधक स्थिति की जानकारी थी, इसके बावजूद सौदा किया गया। इससे साफ है कि, दोनों पक्षों ने मिलकर जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया। इतना ही नहीं, परियोजना में गरीब और निम्न आय वर्ग के लिए जो फ्लैट्स बनाने थे, उनका भी निर्माण नहीं किया गया। सभी फ्लैट्स सामान्य बाजार दर पर बेच दिए गए, जिससे शासन की सामाजिक योजना और गरीबों के लिए आवासीय सुविधा प्रभावित हुई।

बंधक भूमि के नियमों के खिलाफ विक्रय

नगर निगम भोपाल से प्राप्त जानकारी में भी स्पष्ट किया गया कि फर्म ने बंधक भूमि के विक्रय के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी। इस प्रकार, बिना अनुमति के बंधक संपत्ति का विक्रय कर नगर निगम और शासन के अधिकारों को नुकसान पहुँचाया गया। जांच के आधार पर दिलीप बच्चानी, हर्षिता बच्चानी और प्रिया हरपलानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (न्यासभंग), 420 (धोखाधड़ी) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।  

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