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चुनाव विशेष : उ.प्र. में बसपा 40, सपा 30, कांग्रेस 7, रालोद 3 लोकसभा सीटों पर लड़ेंगी चुनाव !

इनके विश्वासियों का इस बारे में कहना है कि बसपा व सपा में तय हुआ है कि उ.प्र. की 80 लोकसभा सीटों में से 40 पर बसपा, 30 पर सपा, 7 पर कांग्रेस और 3 पर रालोद लड़ेंगे।

Update: 2018-06-30 09:20 GMT

नई दिल्ली। आय से अधिक सम्पत्ति सहित कई मामलों में बसपा प्रमुख मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, उनके पिता व पूर्व मुख्यमंत्री तथा सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव,रालोद प्रमुख अजित सिंह, कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के विरूद्ध केस चल रहे हैं। सीबीआई व ईडी का शिकंजा कसने की हरसंभव कोशिश कर रही है। अगले 6 माह में इनमें से कुछ को गिरफ्तार करने की भी कोशिश होगी, ताकि ये गठबंधन करके उ.प्र. में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने पाएं। गठबंधन करके लड़ें भी तो प्रचार नहीं करने पाएं। सूत्रों का कहना है कि इस आशंका से मायावती, अखिलेश ,मुलायम, अजित थोड़ा डरे हुए हैं। केवल एक राहुल गांधी हैं जो जेल जाने को तैयार हैं। लेकिन डरे हुए माया,अखिलेश, अजित को अपने अस्तित्व का भी सवाल है।

इसलिए ये सब मोदी सरकार द्वारा कथित गिरफ्तार कराये जाने की आशंका के बावजूद अपना वजूद बचाने, अपनी पार्टी को बचाने के लिए, मरता क्या न करता वाली हालत में, लोकसभा चुनाव में उ.प्र. में आपस में सीटों का बंटवारा करके लड़ेंगे। इनके विश्वासियों का इस बारे में कहना है कि बसपा व सपा में तय हुआ है कि उ.प्र. की 80 लोकसभा सीटों में से 40 पर बसपा ,30 पर सपा, 7 पर कांग्रेस और 3 पर रालोद लड़ेंगे। सीटों का यह बंटवारा एक तरह से बसपा व सपा में होगा। राज्य की 80 लोकसभा सीटों में बसपा को 40 और सपा को 40 मिलेंगे। सपा अपने खाते के 40 सीटों में से कांग्रेस को 7 और रालोद को 3 दे देगी। इस तरह राज्य की ये प्रमुख विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर लड़ेंगी और भाजपा के विरूद्ध मतों का बिखराव नहीं होने देंगी। इनका एकजुट वोट भाजपा को 2014 में मिले वोट से लगभग 11 प्रतिशत अधिक हो जाने की संभावना है। यही चिंता भाजपा आकाओं व नेताओं को बेचैन किये हुए है।

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