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प्रधानमंत्री ने किया एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास, ये होगी खासियत

Update: 2021-11-25 09:00 GMT

नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एनआईए) का शिलान्यास किया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने इससे पहले कार्यक्रम स्थल पर ही हवाई अड्डा परियोजना से जुड़ी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। 

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जेवर और आसपास के युवाओं में आज एक विशेष प्रकार की चमक दिख रही है और चमक एक सपना पूरा होने की है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे से याहं की तमाम क्षमताओं को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि यहां 34 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। 2024 तक इसका पहला चरण पूरो हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह दिल्ली के एयरपोर्ट से भी आगे जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गति शक्ति मिशन के तहत एयरपोर्ट को सड़क, रेल, मेट्रो और बस से भी जोड़ा जाएगा। इससे देश की राजधानी से नजदीकी बढ़ जाएगी। 

वाणिज्य, कनेक्टिविटी और पर्यटन को बढ़ावा - 

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (एनआईए) परियोजना से वाणिज्य, कनेक्टिविटी और पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का अकेला राज्य बन जाएगा। 5800 हेक्टेयर भूमि पर इस हवाई अड्डे का निर्माण होगा। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यहां एक साथ कई रनवे कार्यरत होंगे जिनकी क्षमता प्रतिवर्ष 22 करोड़ से अधिक यात्रियों के प्रबंधन की होगी। पहले चरण में 1334 हेक्टेयर भूमि पर एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। यह दुनिया का पहला नेट जीरो एमशिन वाला देश का पहला एयरपोर्ट होगा। 

मेट्रो, हाई स्पीड रेल और एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा -  

एयरपोर्ट को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण क्षेत्रीय संपर्क योजना के तहत दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और प्रस्तावित खुर्जा-पलवल लिंक से जोड़ेगा। एयरपोर्ट को मेट्रो, हाई स्पीड रेल और एक्सप्रेस-वे जोड़ा जा रहा है। यह एनसीआर के लिए वरदान साबित होगा। यह एयरपोर्ट को मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से जोडे़गा। इससे मथुरा, वृंदावन, आगरा जैसे पर्यटक स्थलों के व्यवसाय भी सशक्त होंगे। 

 दिल्ली में यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में यह दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। इससे इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दबाव कम होगा। यह रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है और दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद सहित शहरी आबादी और पड़ोसी इलाकों के लोगों की यात्रा सुगम बनाएगा।

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