मप्र में सत्ता के लिए कमलनाथ सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर, राहुल गांधी अमेरिका से खोल रहे कांग्रेस की पोल
चुनाव से ठीक पहले मंगलवार को हिंदूवादी संगठन बजरंग सेना का कांग्रेस पार्टी में विलय, सॉफ्ट हिंदुत्व के रस्ते पर बढ़ती कांग्रेस
भोपाल/सिटी रेपोर्टर। मप्र में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने है। 15 महीने के शासन के बाद सत्ता से बेदखल हुए कमलनाथ हर हाल में चुनाव जीतने की कोशिशें कर रहे है। यहीं कारण है कि महंगाई-बेरोजगारी से लकर कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर चल रही है। कमलनाथ सरकार जाने के बाद से कई बार खुद को हनुमान भक्त साबित करने की कोशिशें करते दिखे है।
हिंदूवादी साबित करने की कोशिशें -
कमलनाथ ने अपने विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा में बजरंग बली का भव्य मंदिर बनाया है। वहीँ रामनवमी और हनुमान जयंती पर अपने कार्यकर्ता, पदाधिकारियों, विधायकों को रामलीला, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा का पाठ करने के निर्देश दिए थे, ताकि चुनाव से पहले कांग्रेस जनता के बीच अपनी पैठ को और मजबूत कर सकें। 5 अगस्त 2020 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में श्रीराममंदिर की नींव रखी। उस समय कमलनाथ सोशल मीडिया से लेकर कांग्रेस कार्यालय तक भगवा रंग में रंगे नजर आएं थे। कमलनाथ खुद को हनुमान भक्त और हिंदूवादी साबित करने का कोई मौका खाली नहीं जाने देते।
बजरंग सेना का विलय -
इसी कड़ी में मंगलवार को बजरंग सेना का कांग्रेस पार्टी में विलय हो गया है। मंगलवार को बजरंग सेना के राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारियों सहित हजारों की संख्या में भगवा ध्वज के साथ एक भव्य रैली के रूप में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। यहां बजरंग सेना के पदाधिकारियों और हजारों समर्थकों का प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ एवं वरिष्ठ कांग्रेसजनाें ने स्वागत किया।
इस दौरान बजरंग सेना के पदाधिकारियों ने कमलनाथ को गदा और स्मृति चिन्ह भेंट कर जयश्री राम के नारे के साथ प्रदेश से भाजपा को हराने का संकल्प लिया। साथ ही सीहोर की जिला पंचायत सदस्य श्रीमती बरैठा, भूपेन्द्र सिंह, राम शंकर मिश्रा और अरूण पाठक ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।कमलनाथ ने जयश्रीराम का उद्घोष करते हुए बजरंग सेना का स्वागत किया। कांग्रेस पार्टी का इतिहास हमेशा से भारत की संस्कृति और संविधान के साथ चलने का रहा है। मुझे आप सभी पर पूरा विश्वास है कि आप मप्र का भविष्य सुरक्षित रखेंगे।
दीपक जोशी के प्रयास से विलय -
कांग्रेस और हिंदू संगठन के विलय में पूर्व भाजपा नेता दीपक जोशी ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने बजरंग सेना और कांग्रेस के बीच सेतु का काम कर दोनों दलों को विलय के लिए तैयार किया। दीपक हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इस अवसर पर दीपक जोशी ने कहा भगवान राम के परम सेवक हनुमानजी की बजरंग सेना साथ लेकर यहां आए हैं। हम संस्कृति के सेवक हैं। बजरंग सेना के राष्ट्रीय संयोजक रघुनंदन शर्मा ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री मुझे प्रज्ञा सिंह के यहां पर समझाने आए थे कि हिंदू खतरे में हैं, तो मैंने कहा था कि हिंदू खतरे में नहीं बरसों से दलालों ने मध्य प्रदेश का कब्जा करके रखा हुआ है।
मोदी और योगी के लिए प्रचार -
बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर पटेरिया ने बताया कि पिछले साल उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ के पक्ष में प्रचार-प्रसार किया था। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी प्रचार किया था।
केंद्रीय नेतृत्व मुस्लिम तुष्टिकरण में जुटा -
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले दक्षिणपंथी संगठन का कांग्रेस में विलय चर्चा का विषय बना हुआ है।राजनीतिक जानकार इसे एक चुनावी स्टंट बता रहे है। उनका कहना है की कांग्रेस की कोशिश किसी भी तरीके से सत्ता हासिल करना चाहती है।इसीलिए विचारधारा से समझौता कर राज्य में इस तरह के निर्णय लिए जा रहे है। जबकि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इसके उलट मुस्लिम तुष्टिकरण की कोशिशों में जुटा रहता है। हाल ही में राहुल गांधी ने अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान मुस्लिम लीग को सेक्युलर पार्टी कहा था। जबकि मुस्लिम लीग की स्थापना एक धर्मिक दल के रूप में हुई थी। कांग्रेस नेता का बयान शुद्ध मुस्लिम तुष्टिकरण की पुष्टि करता है। ऐसे में मप्र में सॉफ्ट हिदुत्व का एजेंडा कितना कारगार सिद्ध होगा, ये भविष्य में पता चलेगा।