भारत-पाकिस्तान ने दोस्ती की ओर बढ़ाया कदम, संघर्ष विराम के नियम पर बनी सहमति

दोनों देशों के ​डीजीएमओ की हॉटलाइन पर चर्चा

Update: 2021-02-25 08:26 GMT

नईदिल्ली। चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव में कमी आने के बाद भारत ने पाकिस्तान की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया। लंबे समय के बाद दोनों देशों ने रिश्तों को मजबूती देने की दिशा में कदम उठाया है। भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियानों​​ के ​सैन्य संचालन महानिदेशक ​(​डीजीएमओ) ने​ गुरुवार को ​​​​हॉटलाइन ​पर बात की। ​दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों में स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में स्थिति की समीक्षा की। साथ ही 25 फरवरी की रात से गोलीबारी बंद करने के लिए सहमति जताई है।    

एक साझा बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने सभी संधियों, समझौतों और संघर्ष विराम के नियमों का पालन करने पर सहमति जताई। यह सहमति 24-25 फरवरी की मध्‍य रात्रि से लागू हो गई​ है।  जिसमें सीमा पर गोलीबारी बंद करने का फैसला​ भी शामिल है​​​​। ​​दोनों पक्षों ने दोहराया कि​ किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए हॉटलाइन संपर्क और बॉर्डर फ्लैग मीटिंग के मौजूदा तंत्र का उपयोग किया जाएगा।​ पाकिस्तान की सीमा पर पारस्परिक रूप से स्थायी शांति​ स्थापित करने के लिए साझा बयान में कहा गया कि दोनों ​​देशों के डीजीएमओ​ ने ​​​​नियंत्रण रेखा और बाकी सभी सेक्‍टर्स पर हालात की समीक्षा की। गर्मजोशी भरे माहौल में हुई​ वार्ता में यह भी तय हुआ कि दोनों देश उन मुद्दों और चिंताओं पर ​कार्यवाही करेंगे जिनकी वजह से शांति भंग होती है और हिंसा होती है। यह बातचीत सीमाओं पर लगातार शांति बरकरार रखने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।​

पाकिस्‍तान ने 5 हजार 133 बार सीजफायर उल्लंघन -

चीन सीमा पर करीब 10 माह से चले आ रहे गतिरोध के चलते पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। उधर​, इस बीच पाकिस्‍तान भी ​​नियंत्रण रेखा और बाकी सभी सेक्‍टर्स पर​ ​​लगातार सीजफायर ​का ​उल्‍लंघन ​करके गोलीबारी कर रहा था। ​चीन से तनाव बढ़ने के बाद 2020 में पाकिस्‍तान की ओर से 5,133 बार सीजफायर का उल्‍लंघन किया गया। इसमें सुरक्षा बलों के 46 जवानों को जान गंवानी पड़ी। ​इससे पहले साल 2019 में सीजफायर उल्‍लंघन की घटनाओं का आंकड़ा 3,233 था। ​2021 में ​29 जनवरी तक सीजनफायर उल्‍लंघन की 299 घटनाएं हो चुकी ​हैं​। ऐसे में भारत ​की सेना 'टू फ्रंट वार' के लिए ​भी ​तैयार थी। ​सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे​ और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ​भी कई मौकों पर ​साफ कह चुके थे कि भारत ऐसी किसी परिस्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।​​​


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