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देश को मिल सकती है पहली आदिवासी राष्ट्रपति, अब तक 6 ब्राह्मण, 3 मुस्लिम, 2 दलित बन चुके है महामहिम

Update: 2022-07-21 09:14 GMT

नईदिल्ली/ वेबडेस्क। देश को अब से कुछ ही देर में नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। 15वें महामहीम के लिए मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस चुनाव में राजग उमीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच मुकाबला है लेकिन द्रौप्दी मुर्मू जीत लगभग तय मानी जा रही है।यदि द्रोपदी राष्ट्रपति बनती है तो वह आदिवासी समुदाय से इस पद पर पहुंचने वाली पहली व्यक्ति होंगी। 

इस पद की कुर्सी पर 14 शख्सियतें बैठ चुकी हैं. डॉ राजेंद्र प्रसाद लगातार दो टर्म राष्ट्रपति रहे और ऐसा करनेवाले वह एकमात्र शख्स रहे. हालांकि वराहगिरी वेंकट गिरी (VV Giri) भी दो बार राष्ट्रपति रहे, लेकिन पूरे कार्यकाल तक नहीं. 3 मई 1969-20 जुलाई 1969 तक छोटे कार्यकाल के लिए और फिर 24 अगस्त 1969 से 24 अगस्त 1974 तक वे राष्ट्रपति रहे। दरअसल, जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु पद पर रहते हुए हो गई थी, इस वजह से तीन लोग कार्यवाहक राष्ट्रपति भी रहे।  

अब तक चुने गए राष्ट्रपतियों को यदि जातीय आधार पर वर्गीकृत करें तो छह बार ब्राह्मण, तीन बार मुस्लिम, दो बार एससी, एक बार सिख चेहरा महामहिम के बन चुका है। वहीँ जीत के आधार पर बात करे तो अब तक की सबसे बड़ी जीत डॉ राजेंद्र प्रसाद को मिली है , वहीँ सबसे कम अंतर से जीतकर विवि गिरी राष्ट्रपति बने है।  

ब्राह्मण राष्ट्रपति - 

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन 

वराहगिरी वेंकट गिरी

नीलम संजीव रेड्डी

आर वेंकटरमन

डॉ शंकर दयाल शर्मा

प्रणब मुखर्जी

एससी राष्ट्रपति 

केआर नारायणन 

डॉ रामनाथ कोविंद 

मुस्लिम राष्ट्रपति - 

डॉ ज़ाकिर हुसैन

फखरुद्दीन अली अहमद

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम

सिख राष्ट्रपति - 

ज्ञानी जैल सिंह 

कायस्थ राष्ट्रपति - 

डॉ राजेंद्र प्रसाद 

राजपूत राष्ट्रपति - 

प्रतिभा देवी सिंह पाटिल 

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