पाकिस्तान में सड़क पर उतरे हिंदू, बेटियों के जबरन धर्मांतरण क खिलाफ उठाई आवाज

मानवाधिकार पर नजर रखने वाले एक संगठन की रिपोर्ट के अनुसार जबरन धर्मांतरण की शिकार बनने वालों में से 23 प्रतिशत लड़कियों की उम्र 14 वर्ष से कम थी।

Update: 2023-08-31 11:50 GMT

इस्लामाबाद।  पाकिस्तान में हिंदुओं का जीवन गुलामों से भी बदतर हो गया है। सिंध प्रांत में जबरन धर्म परिवर्तन की घटनाएं बेहद आम हो गयी हैं। इससे गुस्साए हिंदुओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कारी सुरक्षा के साथ जीने की आजादी मांग रहे थे।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के काशमोर जिले में बड़ी संख्या में हिंदू सड़क पर उतर आए। इन हिंदुओं ने समुदाय के लोगों के अपहरण की बढ़ती घटनाओं का कड़ा विरोध किया। इनका कहना था कि इलाके में सक्रिय डकैतों ने कई हिंदुओं का अपहरण कर लिया है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सभी लोगों को तत्काल रिहा कराने की मांग की। यही नहीं, प्रदर्शनकारी हिंदुओं ने सिंध की सरकार से मांग की कि वह उन्हें सुरक्षा मुहैया कराए। सिंध प्रांत में ही सबसे ज्यादा हिंदू रहते हैं। इनके मंदिरों पर अकसर हमले होते रहते हैं। हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन भी कराया जाता है।

लड़कियों का जबरन धर्मांतरण -

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हिंदुओं की 12 से 13 वर्ष उम्र की लड़कियों को दिनदहाड़े अगवाकर उन्हें जबरन इस्लाम कबूल कराया जा रहा है। बाद में उनकी शादी बुजुर्ग मुसलमानों से करा दी जाती है। प्रदर्शन में शामिल लोगों के हाथों में बैनर मौजूद थे। उनका कहना था कि हिंदू लड़कियों व महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पीड़ितों को न्याय भी नहीं मिल रहा है।

मानवाधिकार पर नजर रखने वाले एक संगठन की रिपोर्ट के अनुसार जबरन धर्मांतरण की शिकार बनने वालों में से 23 प्रतिशत लड़कियों की उम्र 14 वर्ष से कम थी। 36 प्रतिशत लड़कियां 14 से 18 वर्ष के बीच थीं। व्यस्कों की संख्या महज 12 प्रतिशत थी। 28 प्रतिशत की उम्र का तो पता ही नहीं है। जबरन मतांतरण के 65 प्रतिशत मामले तो सिंध प्रांत से ही सामने आए थे।

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