उत्तराखंड में बारिश का कहर: बागेश्वर, कोटद्वार समेत कई इलाकों में भारी बारिश जारी, केदारनाथ यात्रा स्थगित
Uttarkashi Cloudburst Flash Floods Update : उत्तरकाशी। उत्तराखंड में मॉनसून ने एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया है। मौसम विभाग ने बुधवार, 6 अगस्त 2025 को कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस चेतावनी के चलते देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पौड़ी, अल्मोड़ा, और बागेश्वर में सभी स्कूलों (कक्षा 1 से 12) और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
बागेश्वर, कोटद्वार, और अन्य क्षेत्रों में सुबह से मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को ठप कर दिया है। इस बीच, उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से खीर गंगा नदी में आई बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई, जिसमें 4 लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक लोग लापता हैं।
जानकारी के मुताबिक, अलकनंदा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। केदारनाथ धाम की यात्रा सुरक्षा को देखते हुए स्थगित की गई है। बागेश्वर, कोटद्वार और पहाड़ी क्षेत्रों में देर रात से बारिश हो रही है। बागेश्वर में गोमती और सरयू दोनों नदियां प्रचंड उफान पर है।
इसके अलावा भारी बारिश के रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट के बीच प्रदेश के 9 जनपदों में छुट्टी का आदेश जारी किया गया है। देहरादून, नैनीताल, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, चंपावत, पौड़ी, अल्मोड़ा और बागेश्वर जनपद में आज स्कूलों की छुट्टी रहेगी। आदेश के मुताबिक, कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शैक्षणिक संस्थानों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी छुट्टी का ऐलान किया गया है।
34 सेकंड में धराली में जलप्रलय
धराली में मंगलवार दोपहर बादल फटने से मात्र 34 सेकंड में सैकड़ों घर, होटल, और होम स्टे मलबे में दब गए या पानी में बह गए। प्रशासन ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। SDRF, NDRF, ITBP, और भारतीय सेना की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं, जिन्होंने अब तक 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला है। हर्षिल और सुक्की में भी बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जहां सेना के 11 जवान लापता बताए जा रहे हैं। सेना के बेस कैंप को भी नुकसान पहुंचा है।
वायुसेना और पुलिस की तैनाती
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों के लिए 20 करोड़ रुपये मंजूर किए। राज्य सरकार ने वायुसेना से दो MI-17 और एक चिनूक हेलीकॉप्टर की मांग की है, जो मौसम साफ होने पर राहत सामग्री पहुंचाएंगे। पुलिस ने 2 IG, 3 SP, और 300 जवानों की विशेष टीमें तैनात की हैं, जो खोजी कुत्तों और ड्रोनों के साथ मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रही हैं।
NH 309 और गंगोत्री हाईवे बाधित
लगातार बारिश ने नेशनल हाईवे 309 को अवरुद्ध कर दिया, क्योंकि धनगढ़ी बरासाती नाला उफान पर है। गंगोत्री हाईवे पर पापड़गाड़ के पास 30 मीटर सड़क धंस गई, जिससे हर्षिल और धराली का संपर्क कट गया। केदारनाथ यात्रा को भी अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
प्रशासन अलर्ट
उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है। उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून के जिला अस्पतालों, दून मेडिकल कॉलेज, और ऋषिकेश AIIMS में बेड रिजर्व किए गए हैं, और डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। गंगा नदी ऋषिकेश में खतरे के निशान से ऊपर बहर रही है, जिसके चलते लोगों से नदी से दूर रहने की अपील की गई है।
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि भूमध्य सागर से उठा पश्चिमी विक्षोभ हिमालय से टकराने के कारण यह आपदा आई, जो 2013 की केदारनाथ त्रासदी से मिलती-जुलती है। यह सवाल उठता है कि क्या बार-बार होने वाली ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए केवल राहत कार्य ही काफी हैं, या पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है।