उत्तराखंड में मजदूर बने माननीय विधायक! खातों में आई मनरेगा की दिहाड़ी, अब वसूली की तैयारी
उत्तराखंड के भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनकी पत्नी के खातों में आई मनरेगा की मजदूरी। पोर्टल पर विधायक रहते हुए भी भुगतान का खुलासा
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पूरे प्रदेश की सियासत में हलचल पैदा कर दी है यहां पुरोला विधानसभा सीट से भाजपा विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनकी पत्नी के बैंक खातों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की मजदूरी जमा हुई है. चौंकाने वाली बात यह है कि यह भुगतान उस समय भी हुआ जब दुर्गेश्वर लाल विधायक के पद पर आसीन थे ।
पोर्टल ने खोली पोल: विधायक और पत्नी के नाम पर दिहाड़ी
मनरेगा पोर्टल से मिली जानकारी के मुताबिक विधायक दुर्गेश्वर लाल और उनकी पत्नी निशा के पास पहले से जॉब कार्ड थे. आंकड़ों के अनुसार विधायक रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान तीन अलग-अलग कार्यों के लिए 5,214 रुपये का भुगतान किया गया। अगर 2021 से 2025 के बीच की बात करें तो इस दंपति को कुल 11 कार्यों के लिए 22,962 रुपये की मजदूरी दी गई इसमें सड़क निर्माण से लेकर वृक्षारोपण और भूमि विकास जैसे काम शामिल थे।
छवि खराब करने की साजिश: विधायक
इस मामले पर विवाद बढ़ता देख विधायक दुर्गेश्वर लाल ने सफाई दी है उनका कहना है कि विधायक बनने से पहले उनके पास जॉब कार्ड जरूर था लेकिन यह पूरा मामला उन्हें बदनाम करने की एक सोची-समझी साजिश है. उन्होंने तर्क दिया कि जब तक काम करने वाला व्यक्ति हस्ताक्षर नहीं करता तब तक हाजिरी सूची जारी नहीं होती । लाल ने आरोप लगाया कि बिचौलियों की दुकानें बंद होने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
अधिकारी हैरान: रिकॉर्ड से गायब है फाइलें
इस मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब मनरेगा सहायक ने बताया कि ब्लॉक कार्यालय में न तो इस काम से जुड़ी कोई फाइल मौजूद है और न ही हाजिरी रजिस्टर. अब मोरी ब्लॉक विकास अधिकारी शशि भूषण बिनजोला ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.उन्होंने कहा कि शनिवार को होने वाले लोक सेवा शिविर के बाद संबंधित कर्मियों से पूछताछ की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उससे पूरी धनराशि की वसूली की जाएगी।