प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे नौ दिवसीय पराक्रम दिवस और भारत पर्व का शुभारंभ

भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के सहयोग से किया गया है। इस उत्सव में नेताजी सुभाषचंद्र बोस और आजाद हिंद फौज की समृद्ध विरासत की झलक देखने को मिलेगी।

Update: 2024-01-23 07:22 GMT

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शाम 6ः30 बजे राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक लाल किला पर पराक्रम दिवस के अवसर पर नौ दिवसीय (23-31 जनवरी) कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री इस मौके पर नौ दिवसीय भारत पर्व का भी शुभारंभ करेंगे। यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दी। पीएमओ के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर 2021 से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

इस साल लाल किला पर आयोजित इस उत्सव में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज की विरासत देखने को मिलेगी। अभिलेखागार प्रदर्शनी में दुर्लभ तस्वीरें और दस्तावेज आगुंतकों को नया अनुभव प्रदान करेंगे। ये जश्न 31 जनवरी तक जारी रहेंगे। साथ ही प्रधानममंत्री नौ दिवसीय भारत पर्व का भी शुभारंभ करेंगे। इसमें गणतंत्र दिवस की झांकी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ देश की समृद्ध विविधता का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें 26 मंत्रालयों और विभागों के प्रयासों के झलक दिखेगी। यह कार्यक्रम लाल किला के सामने रामलीला मैदान और माधव दास पार्क में होगा।

भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के अनुसार पराक्रम दिवस पर दिल्ली के लाल किले में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में ऐतिहासिक प्रतिबिंबों और जीवंत सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के साथ बहुआयामी उत्सव शुरू होगा। इस बड़े उत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, साहित्य अकादमी और भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के सहयोग से किया गया है। इस उत्सव में नेताजी सुभाषचंद्र बोस और आजाद हिंद फौज की समृद्ध विरासत की झलक देखने को मिलेगी।

पीआईबी के अनुसार, लाल किला की नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज की गाथा में महत्वपूर्ण भूमिका है। लाल किला परिसर में स्थापित संग्रहालय नेताजी सुभाषचंद्र बोस और आईएनए की विरासत को संरक्षित व सम्मान देने के लिए समर्पित है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में नेताजी की जयंती पर किया था। कर्नल प्रेम सहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों और कर्नल शाहनवाज खान के नाम इतिहास में लाल किला ट्रायल में प्रमुख व्यक्तियों के रूप में दर्ज हैं। भारत की आजादी को लेकर उनकी प्रतिबद्धता के कारण लाल किला बैरक मामला सामने आया था।

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