इंडिगो संकट 7वें दिन भी जारी, 250 से अधिक उड़ानें रद्द
इंडिगो संकट 7वें दिन भी जारी। 250+ उड़ानें रद्द, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार किया। DGCA की कार्रवाई जारी।
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पर चल रहा संकट सोमवार को भी शांत होता नहीं दिखा। सुबह से ही दिल्ली, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद से लेकर श्रीनगर तक कई एयरपोर्ट ऐसे नज़र आए जहां डिस्प्ले बोर्ड पर एक के बाद एक उड़ानें CANCELLED लिख कर आ रही थीं। आंकड़ा दोपहर तक 250 फ्लाइट्स के पार चला गया। रविवार को भी यही हाल था, लगभग 650 उड़ानें रद्द हुई थीं। इंडिगो का कहना है कि उसकी रोज़ाना चलने वाली करीब 2,300 उड़ानों में से 1,650 उसने किसी तरह ऑपरेट कीं, लेकिन यात्रियों की परेशानी जस की तस बनी हुई है।
ऑपरेशंस 10 दिसंबर तक सामान्य होने की उम्मीद: CEO
इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने दावा किया कि स्थिति रोज़ थोड़ी बेहतर हो रही है और 10 दिसंबर तक ऑपरेशंस सामान्य हो जाएंगे। इससे पहले कंपनी ने 10 से 15 दिसंबर की समयसीमा बताई थी यानी अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार किया
हम एयरलाइन नहीं चला सकते। सरकार इस मुद्दे पर पहले ही कदम उठा चुकी है।
इंडिगो की सफाई पायलट की कमी नहीं, बफर कम पड़ गया
कंपनी ने एक बयान में कहा कि मौजूदा संकट पर ‘रूट कॉज एनालिसिस’ किया जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई FDTL व्यवस्था (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) लागू होने के बाद क्रू प्लानिंग में बफर स्टाफ कम पड़ गया। कंपनी के शब्दों में पायलट पर्याप्त हैं, लेकिन अन्य एयरलाइनों जितना रिज़र्व क्रू नहीं था, जो इस संकट में बड़ी कमजोरी बन गया।
DGCA ने जवाब के लिए 24 घंटे और दिए
DGCA ने कारण बताओ नोटिस पर जवाब जमा करने के लिए इंडिगो को अतिरिक्त 24 घंटे दिए हैं। कंपनी ने समय बढ़ाने की मांग की थी। संकट के बीच एयरलाइन ने बताया कि 610 करोड़ का रिफंड प्रोसेस किया जा चुका है और 3,000 बैग यात्रियों तक पहुंचा दिए गए हैं
लोकसभा में हंगामा
इंडिगो पर चल रहा संकट को लेकर विपक्ष लगातार पूछ रहा है सरकार बताए कि देशभर में इंडिगो की उड़ानें क्यों ठप पड़ी हैं और यात्रियों की परेशानी कैसे दूर होगी? स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मंत्री आज या कल विस्तृत बयान देंगे।
DGCA के नए नियमों ने बढ़ाई मुश्किलें
1 नवंबर से FDTL नियमों का दूसरा चरण लागू हुआ है। इनमें पायलटों और क्रू को पर्याप्त आराम देना जरूरी किया गया है ताकि थकान के कारण होने वाले सुरक्षा जोखिम कम हों।