इंडिगो की 400 फ्लाइट कैंसिल: 2000+ उड़ानें रद्द होने से 3 लाख यात्री परेशान

इंडिगो ने आज 400 उड़ानें रद्द कीं, 5 दिनों में 2000+ फ्लाइटें प्रभावित। FDTL नियमों और स्टाफ की कमी से यात्री परेशान। सरकार ने जांच की बात कही।

Update: 2025-12-06 07:33 GMT

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कई दिनों से भारी परिचालन संकट का सामना कर रही है। यात्रियों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है और हालात शनिवार को भी सुधरते दिखाई नहीं दिए। न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, आज इंडिगो ने देश के चार प्रमुख एयरपोर्ट सहित कई शहरों से 400 से ज्यादा उड़ानें रद्द कर दीं। इससे पहले ही चार दिनों में 2,000 से अधिक फ्लाइटें कैंसिल हो चुकी हैं और रोज़ लगभग 500 उड़ानें देर से उड़ान भर रही हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट पर शुक्रवार रात बड़ी संख्या में यात्री घंटों तक फंसे रहे। कुछ तो थकान और तनाव की वजह से रो पड़े।

एयरलाइन का कहना है कि हालात पूरी तरह सामान्य होने में 15 दिसंबर तक का समय लग सकता है। दूसरी ओर नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने साफ कहा कि 1 नवंबर से लागू हुए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के कारण बाकी एयरलाइंस को कोई समस्या नहीं हुई। उनका कहना है कि इससे स्पष्ट है कि चूक इंडिगो की तरफ से हुई है और इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई तय है।

FDTL नियमों में बदलाव और इंडिगो पर असर

DGCA ने पायलटों और केबिन क्रू के काम और आराम से जुड़े नियमों में इस साल दो चरणों में बदलाव किए। पहला चरण 1 जुलाई से लागू हुआ, दूसरा चरण 1 नवंबर से। इन नियमों का उद्देश्य था कि उड़ान सुरक्षा बेहतर हो और पायलट तथा क्रू को पर्याप्त आराम मिल सके। नए नियमों के बाद इंडिगो को अपने शेड्यूल में बड़े पैमाने पर बदलाव करने पड़े, जिसके चलते स्टाफ की कमी उत्पन्न हो गई। दबाव इतना बढ़ गया कि DGCA को इंडिगो सहित सभी एयरलाइंस को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत देनी पड़ी। अब एयरलाइंस को वीकली रेस्ट के बदले किसी भी तरह की छुट्टी रोकने की अनुमति नहीं होगी।

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नवंबर में 1232 उड़ानें रद्द  

DGCA के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ नवंबर महीने में ही इंडिगो ने 1232 फ्लाइट रद्द कीं। इनमें से 755 उड़ानें सीधे FDTL नियमों से बने दबाव के कारण कैंसिल करनी पड़ीं। इस वजह से ही एयरलाइन पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने स्टाफ मैनेजमेंट की पहले से तैयारी नहीं की, जबकि नियम लागू होने के बारे में कंपनियों को काफी समय पहले जानकारी दे दी गई थी।

 गुस्सा, अफरा-तफरी और अनिश्चितता

कोलकाता एयरपोर्ट से तस्वीरें सामने आईं जिनमें घंटों तक इंतजार कर रही यात्रियों की भीड़ दिखाई दी। कई महिलाएँ रोती हुई दिखीं क्योंकि वे लगातार कई घंटों से बिना जानकारी के फंसी थीं। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर एयरलाइन को टैग करते हुए शिकायत की कि न तो उन्हें स्पष्ट जानकारी दी जा रही है, न ही वैकल्पिक उड़ानें आसानी से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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