इंद्रेश कुमार ने कहा- हमास एक बर्बर आतंकवादी संगठन ही है, कांग्रेस ने उसका बचाव कर शर्मनाक काम किया

फिलिस्तीन में हमास और इजरायल के बीच गत डेढ़ महीने से संघर्ष जारी है। अब तक गाजा में दस हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और पूरा गाजा तबाह हो चुका है। गाजा में इजरायली कार्रवाई 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हमले के बाद शुरू हुई। हमास द्वारा किए गए इस हमले की पूरी दुनिया में आतंकी हमला बताकर निंदा की जा रही है।

Update: 2023-11-26 09:19 GMT

नई दिल्ली । फिलिस्तीन में हमास और इजरायल के बीच गत डेढ़ महीने से संघर्ष जारी है। अब तक गाजा में दस हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और पूरा गाजा तबाह हो चुका है। गाजा में इजरायली कार्रवाई 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हमले के बाद शुरू हुई। हमास द्वारा किए गए इस हमले की पूरी दुनिया में आतंकी हमला बताकर निंदा की जा रही है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार ने भी हमास द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे आतंकी हमला करार दिया और मानवता विरोधी कृत्य बताया है। इंद्रेश कुमार ने हमास, हिजबुल्लाह, लश्कर, अल-कायदा, बोको हराम, आईएसआईएस और पीएफआई जैसे सभी संगठनों एक समान विचारधारा वाले आतंकवादी संगठन हैं। साथ ही हमास का समर्थन करने वाले विपक्षी दल कांग्रेस और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की भी उन्होंने आलोचना की।

इंद्रेश कुमार ने कहा कि एमआरएम का मानना है कि ऐसा कोई विवाद और टकराव नहीं है जिसे बातचीत से नहीं सुलझाया जा सके। लेकिन चिंताजनक और निंदनीय बात यह है कि हमास के भयानक आतंकवादी हमले ने मानवता को तार-तार करते हुए बर्बरता की सभी हदें पार कर दी हैं, जिसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए, कम है। हमास द्वारा की बर्बरता युद्ध नहीं बल्कि नरसंहार और अमानवीय कृत्य की श्रेणी मे आत है जिसे कोई भी सभ्य समाज और देश बर्दाश्त नहीं कर सकता।

येरूशलम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक विवादास्पद जगह है जिसे लेकर आरंभ से ही दोनों देशों के बीच विवाद रहा है। इजरायली यहूदियों और फिलिस्तीनी अरब, दोनों की ही पहचान, संस्कृति और इतिहास येरुशलम से जुड़े हुए हैं। दोनों ही इस पर अपने अधिकार का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां की अल-अक्सा मस्जिद, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है, दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र है। यहूदी इस पवित्र स्थान को टेम्पल माउंट कहते हैं जबकि मुसलमानों के लिए यह हरम अल-शरीफ है। ईसाइयों के लिए भी यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अब इतनी बड़ी जनसंख्या के मानने वाले धर्मों की अलग-अलग मान्यताएं हैं, जिसके कारण समस्याएं हैं जिनका समाधान होना आवश्यक है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि विवाद के कारण जो भी हां, बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से उसका समाधान किया जाना चाहिए। हिंसा, उत्पीड़न, आतंकवाद केवल विनाश और तबाही के कारण होते हैं, समस्याओं का समाधान नहीं। मेरा मानना है कि पवित्र कुरान सहित दुनिया के सभी धार्मिक ग्रंथ और पुस्तकें शांति, भाईचारे, प्रेम और शांति की बात करती हैं। हत्या और लूट-मार को कहीं भी उचित नहीं ठहराया गया है लेकिन यह बहुत अफसोस की बात है कि इस्लाम और मुसलमानों के नाम पर जितने भी जिहादी संगठन हैं, उन सभी ने इस्लाम का नाम खराब करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इस्लाम शांति, अमन और समृद्धि का संदेश देता है, बम और गोलियों का नहीं।

इस दौरान इंद्रेश कुमार ने कहा कि हम मुस्लिम देशों से अपील करते हैं कि वह हमास की हरकतों की निंदा करें। कुछ हजार आतंकियों के संगठन ने हमारे लाखों शांतिप्रिय फिलिस्तीनियों की जिंदगी को खून-खराबे के अंधेरे कुएं में धकेल दिया है। ऐसे में फिलिस्तीन की जनता को स्वयं हमास के विरोध में आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमास के इस क्रूर कृत्य की मुस्लिम देशों के प्रमुखों ने निंदा की है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन जैसे देशों ने खुले तौर पर इसकी निंदा की है।

इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस के रुख की आलोचना की और कहा कि आतंकी हमले के बावजूद कांग्रेस हमास की निंदा करने के बजाय उसका बचाव करने में लगी है, जो अमानवीय और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को इस तरह ऐसी शर्मनाक हरकतों से बचना चाहिए। कांग्रेस की इसी बीमार मानसिकता और ढुलमुल रवैये के कारण ही कश्मीर में आतंकवाद पनपा है । एक शांतिपूर्ण स्थान जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता था, वह बम धमाकों और गोलियों से नर्क बन गया था। उन्होंने कहा कि पंजाब में खालिस्तानी समर्थकों और भिंडरावाला को खड़ा करने में भी कांग्रेस का ही हाथ था जिससे जाहिर होता है कि कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा दागदार और उसके हाथ खून से सने हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कमजोरी के कारण ही मुंबई में हमले हुए, भागलपुर में दंगे हुए और हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में 34 हजार से ज्यादा दंगे हुए, जिनमें से 99.99 फीसदी दंगों की मास्टरमाइंड कांग्रेस ही है, क्योंकि कांग्रेस और तथाकथित सेक्युलर पार्टियों की सरकार में ही यह सभी दंगे हुए।

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