नागरिकों को सशक्त बनाने और गोपनीयता की रक्षा के लिए DPDP नियम 2025

DPDP नियम 2025 अधिसूचित; डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा के लिए नागरिक-केंद्रित और नवाचार-अनुकूल ढाँचा तैयार। डेटा संरक्षण बोर्ड डिजिटल रूप में काम करेगा।

Update: 2025-11-16 08:30 GMT

डिजिटल डेटा सुरक्षा के लिए DPDP नियम 2025 अधिसूचित 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) नियम 2025 अधिसूचित कर दिए हैं। इसके साथ ही DPDP अधिनियम 2023 का पूर्ण संचालन शुरू हो गया है। अधिनियम और इसके नियम मिलकर डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के सुरक्षित और ज़िम्मेदार उपयोग के लिए एक सरल, नागरिक-केंद्रित और नवाचार-अनुकूल ढाँचा तैयार करते हैं।

DPDP अधिनियम, जिसे 11 अगस्त 2023 को संसद ने मंजूरी दी थी, देश में डिजिटल डेटा सुरक्षा के लिए व्यापक कानूनी व्यवस्था स्थापित करता है। यह अधिनियम डेटा संभालने वाली संस्थाओं (Data Fiduciaries) की जिम्मेदारियों और व्यक्तियों (Data Principals) के अधिकारों व कर्तव्यों को स्पष्ट करता है।अधिनियम सात मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है सहमति व पारदर्शिता, उद्देश्य सीमा, डेटा न्यूनीकरण, डेटा की सटीकता, भंडारण सीमा, सुरक्षा उपाय, और जवाबदेही।

पूरी तरह डिजिटल होगा डेटा संरक्षण बोर्ड

नए नियमों के तहत Data Protection Board (DPB) एक पूर्ण डिजिटल संस्थान के रूप में काम करेगा। नागरिक एक समर्पित ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल ऐप के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकेंगे और उनकी स्थिति ट्रैक कर पाएंगे। सरकार के अनुसार यह प्रणाली पारदर्शिता, तेज़ कार्रवाई और उपयोगकर्ता सुविधा को बढ़ाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। DPB के फैसलों के खिलाफ अपील TDSAT (ट्राईब्यूनल) में की जा सकेगी।

सरल और विश्वसनीय डेटा सुरक्षा व्यवस्था

सरकार का कहना है कि DPDP अधिनियम और 2025 के नियम मिलकर देश में डेटा प्रबंधन के लिए स्पष्ट, सुरक्षित और तकनीकी रूप से आधुनिक ढाँचा उपलब्ध कराते हैं। यह ढाँचा नागरिकों की गोपनीयता की सुरक्षा के साथ-साथ डिजिटल नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

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