Stolen Film Review: सच्ची घटना पर आधारित ये 90 मिनट की फिल्म आपका दिल दहला देगी!

Update: 2025-06-05 13:00 GMT

Stolen Film Review: "स्टोलन" सिर्फ एक थ्रिलर फिल्म नहीं बल्कि एक ऐसा आइना है जो समाज के कुछ सबसे खौफनाक पहलुओं को आपके सामने रखता है। ये फिल्म शुरू होती है एक बच्ची चोरी होने से और फिर धीरे धीरे बढ़ती है फेक न्यूज और मॉब लिंचिंग जैसे कइ अहम मुद्दों पर, जो किसी की भी जिंदगी तबाह कर सकते है।

90 मिनट की इस थ्रिलर फिल्म में समाज की वो सच्चाई दिखाई गई है जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते है।

जानिए फिल्म की कहानी के बारें में

Full View

‘स्टोलन’ की कहानी एक छोटे से रेलवे स्टेशन पर शुरू होती है, जहां एक मां झुम्पा अपनी बच्ची चंपा के साथ सो रही होती है। तभी एक लड़की उसकी बच्ची को चुपचाप उठा कर ले जाती है। जब झुम्पा जागती है तो उसे ये समझ आता है कि उसकी बच्ची चोरी हो गई है, तब वो मदद के लिए चिल्लाती है। उसी वक्त रमन नाम का एक फोटोग्राफर प्लेटफॉर्म पर पड़ी बच्ची की टोपी उठा लेता है। जिसकी वजह से झुम्पा और पुलिस को रमन पर शक होता है, कुछ ही देर में उसका बड़ा भाई गौतम वहां पहुंचता है, जो उसे स्टेशन से लेने आया है।

हालांकि थोड़ी ही देर में ये साबित हो जाता है कि बच्चा रमन ने नहीं चुराया, लेकिन रमन झुम्पा की मदद करना चाहता है, तो वहीं गौतम इस परेशानी से निकलने की पूरी कोशिश करता है। फिल्म इसी संघर्ष, दया, डर, नैतिकता और बचाव के बीच आगे बढ़ती है और एक ऐसा मोड़ लेती जो सभी को झकझोर कर रख देता है।

जानकारी के लिए बता दें कि ये फिल्म 2018 में असम में हुई मॉब लिंचिंग की सच्ची घटना पर आधारित है।

मॉब लिंचिंग और फेक न्यूज का कड़वा सच


फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे बिना जांच-पड़ताल के निर्दोष लोगों को अपराधी बना दिया जाता है। जिसकी वजह से उन्हें भीड़ का गुस्सा सहना पड़ता है। साथ ही फिल्म यह भी दिखाता है कि कैसे सोशल मीडिया पर फैलती अफवाहें और झूठी खबरें किसी भी इंसान की जिंदगी को पूरी तरह से तहस-नहस कर सकती है।

कैसी है फिल्म?


फिल्म की राइटिंग और डायरेक्शन दोनों बेहद मजबूत है और कहानी तेजी से आगे बढ़ती है। एक बार फिल्म शुरू होती है तो आप पलक झपकाना भूल जाते है और खो जाते है झुम्पा, रमन और गौतम की ट्रेजडी से भरी दुनिया में।

क्लास एक्टिंग


अभिषेक बनर्जी इस फिल्म की जान है, उन्होंने अपने किरदार को बहुत गहराई से निभाया है। शुभम वर्धन ने भी रमन का किरदार निभाने में कोई कसर नही छोड़ी, फिल्म में वे आखरी तक अपने उसूलों पर अड़े रहते है। तो वहीं मिया मैल्ज़र ने मां के रोल में शानदार परफॉर्मेस दी है। उनके डर, गुस्से और टूटे हुए चेहरे को देखकर आंखें नम हो जाती है।

निर्देशन और लेखन


फिल्म को करण तेजपाल ने बेहरतीन तरीके से डायरेक्ट किया है। इसके अलावा अगर बात करें फिल्म की राइटिंग की, तो करण तेजपाल, गौरव ढींगरा और स्वप्निल सालकर की टीम ने कहानी को बेहद मजबूती और संवेदनशीलता के साथ गढ़ा है। हर सीन में उनकी पकड़ साफ नजर आती है और उन्होंने स्क्रिप्ट में कहीं भी ढील नहीं छोड़ी। ये एक ऐसी फिल्म है जो हर पल आपको सोचने पर मजबूर करती है।

किस ओटीटी प्लेटफार्म पर देखें फिल्म

स्टोलन को आप ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर देख सकते है, ये फिल्म 4 जून यानी आज रिलीज हो गई है।

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