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अब स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी डेंगू और मलेरिया के लिए भी मिलेगी

Update: 2020-11-18 09:33 GMT

नई दिल्ली। स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियों को जल्दी ही मच्छर और कीटाणुओं से होने वाली डेंगू, मलेरिया और चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों (वेक्टर जनित बीमारी) के इलाज के लिये बीमा कवर उपलब्ध कराने की अनुमति मिलेगी। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) वेक्टर जनित बीमारी के मानकों को लेकर मसौदा जारी किया है। इसमें डेंगू और मलेरिया समेत कई बीमारियों का कवर शामिल होगा।

इरडा ने कहा कि इसका मकसद एक मानक स्वास्थ्य बीमा उत्पाद लाना है जो लोगों की वेक्टर जनित बीमारियों के इलाज को शामिल करे। प्रस्ताव के तहत बीमा पॉलिसी की अवधि एक साल होगी और इसमें प्रतीक्षा अवधि 15 दिन की होगी। नियामक ने संबंधित पक्षों से मसौदे पर 27 नवंबर तक अपनी राय देने को कहा है।

बीमा पॉलिसी में डेंगू बुखार, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजर, चिकुनगुनिया, जापानी बुखार और जाइका विषाणु के इलाज को शामिल किया जाएगा। मौजूदा समय में अलग से इन बीमारियों का कोई बीमा कवर नहीं है। साथ ही मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में भी कंपनियां अपनी सुविधा के तहत कवर देने या नहीं देने का फैसला करती हैं। साथ ही उनमें कई तरह की शर्तें भी होती हैं।

बीमा नियामक का कहना है कि प्रस्तावित मसौदे के तहत आने वाली बीमा पॉलिसी से साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां एक साल के लिए इस प्रकार की पॉलिसी की पेशकश के लिए प्रोत्साहित होंगी। बीमा बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि इरडा के इस फैसले उपभोक्ताओं के लिए इन बीमारियों के लिए पॉलिसी का चुनाव करना आसान हो सकता है। साथ ही एक मानक होने से क्लेम को लेकर कंपनियां भी मनमानी नहीं कर पाएंगी।

कोरोना के लिए अलग से बीमा पॉलिसी नहीं थी। ऐसे में शुरुआत में क्लेम को लेकर आ रही परेशानियों को देखते हुए बीमा नियामक इरडा ने कंपनियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि मौजूदा स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत इसे कवर दें। इसके बाद इरडा ने कोरोना के लिए विशेष रूप से कोरोना कवच और कोरोना सुरक्षा नाम से मानक पॉलिसी देने की मंजूरी दी। इसमें 50 हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलता है। इसकी अवधि साढ़े तीन माह से साढे नौ माह तक है।

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