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साल की पहली तिमाही में 17 नए आईपीओ से गुलजार हुआ बाजार

Update: 2021-04-02 15:07 GMT

नईदिल्ली। नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है। बाजार की गतिविधियां भी नए वित्त वर्ष के हिसाब से शुरू हो गई हैं, लेकिन आईपीओ मार्केट की बात करें तो फाइनेंशियल इयर की जगह कैलेंडर इयर की ही चर्चा है। जिसकी पहली तिमाही (जनवरी से मार्च 2021) में आईपीओ मार्केट लगातार गुलजार बना रहा। इस साल जनवरी से मार्च के बीच 17 कंपनियों के आईपीओ जारी हुए, जिनके जरिये बाजार में कुल 18800 करोड़ रुपये जुटाए गए।

जानकारों का कहना है कि आईपीओ मार्केट के गुलजार होने से इस बात के साफ संकेत मिलते हैं कि अर्थव्यवस्था में मजबूती आ रही है और लोगों का बाजार पूंजीकरण पर भरोसा दोबारा कायम होने लगा है। आपको बता दें कि साल 2018 के बाद पहली बार कैलेंडर इयर के पहले तीन महीनों में इतनी संख्या (17) में आईपीओ जारी हुए। इसके पहले कैलेंडर इयर 2018 की पहली तिमाही में 14 आईपीओ जारी किए गए थे। जिनके जरिये 19275 करोड़ रुपये जुटाए गए थे।

इक्विटी मार्केट रिसर्च की वाइस प्रेसिडेंट मानसी गुप्ता का कहना है कि वैश्विक स्तर पर मुद्रा का प्रवाह (ग्लोबल लिक्विडिटी) बढ़ने के कारण एक के बाद एक कई कंपनियों ने आईपीओ जारी किए। 2021 की मार्च तिमाही में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 53000 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजार में निवेश किए। पिछले साल इसी तिमाही में के दौरान ये निवेश 54235 करोड़ रुपये था।

मानसी गुप्ता के मुताबिक मुद्रा का प्रवाह बढ़ने पर हमेशा ही आईपीओ मार्केट सहित फंड जुटाने की दूसरी कोशिशों में तेजी आती है। इसमें भी कंपनियां आईपीओ को ज्यादा पसंद करती हैं, क्योंकि आईपीओ के जरिए कंपनियां कम खर्च में ज्यादा फंड जुटा लेती हैं। ऐसे में वैश्विक और घरेलू स्तर पर मुद्रा प्रवाह की यही स्थिति बनी रही तो आगे भी ये तेजी जारी रह सकती है।

उल्लेखनीय है कि आईपीओ के जरिए कंपनियां अपने एक्सपेंशन के लिए या फिर वर्किंग कैपिटल जुटाने के लिए जरूरी फंड जुटाती हैं। इसके जरिए वे शेयर बाजार में लिस्ट होती हैं। फिलहाल सेकेंड्री मार्केट में तेजी का रुख बनने के कारण प्राइमरी मार्केट में भी तेजी दिख रही है। मानसी गुप्ता के मुताबिक कुल मिलाकर मार्च में खत्म हुई तिमाही में बेंचमार्क इंडेक्स में 3.5 फीसदी की तेजी आई। इस दौरान बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का मिडकैप इंडेक्स 12.5 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्स 14 फीसदी चढ़ा है।

मार्च में खत्म हुई तिमाही की शुरुआत इंडियन रेलवे की फाइनेंस सब्सिडियरी कंपनी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन के आईपीओ से हुई थी। कंपनी ने आईपीओ के जरिए 4633.38 करोड़ रुपये जुटाए, जो इस तिमाही में सबसे ज्यादा है। इसी तरह ब्रूकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट ने 3800 करोड़ रुपये जुटाए, जो रुपये जुटाने के मामले में दूसरे स्थान पर है। तीसरे नंबर पर इंडिगो पेंट्स, होम फ़र्स्ट फाइनेंस कंपनी और कल्याण ज्वैलर्स है, जिन्होंने 1150 करोड़ रुपये से ज्यादा फंड जुटाया है।

इसके अलावा स्टोक क्राफ्ट, रेलटेल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हेरानबा इंडस्ट्रीज, एमटीएआर टेक, ईजी ट्रिप प्लानर्स, अनुपम रसायन, क्राफ्ट्समैन ऑटोमेशन, लक्ष्मी ऑर्गेनिक, नज़ारा टेक, सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक और बारबेक्यू नेशन ने आईपीओ के जरिए 400 रुपये से लेकर 800 रुपये जुटाए हैं। मेनबोर्ड आईपीओ में सबसे कम फंड जुटाने वाली कंपनी न्यूरेका रही है। हेल्थकेयर और वेलनेस प्रोडक्ट्स की इस डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी ने 100 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

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