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सुप्रीम कोर्ट में गूंजा मतदाताओं को मुफ्त उपहारों देने का मुद्दा, केंद्र, निर्वाचन आयोग को नोटिस

भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Update: 2022-01-25 08:03 GMT

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त में उपहार देने वाली घोषणाएं करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता खत्म करने की मांग पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है।

याचिका भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राजनीतिक दल मतदाताओं को गलत तरीके से अपने पक्ष में लुभाने के लिए मुफ्त में उपहार देने की घोषणाएं करते हैं। ऐसा करना स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए एक बाधा है। ऐसा करना भारतीय दंड संहिता की धारा 171बी और 171सी के तहत अपराध है। 

याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट निर्वाचन आयोग को दिशा-निर्देश जारी करे कि राजनीतिक दलों के लिए एक अतिरिक्त शर्त जोड़े कि मुफ्त में उपहार देने की घोषणाएं नहीं करेंगे। याचिका में कहा गया है कि आजकल एक राजनीतिक फैशन बन गया है कि राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र में मुफ्त बिजली की घोषणा करते हैं। ये घोषणाएं तब भी की जाती हैं जब सरकार लोगों को 16 घंटे की बिजली भी देने में सक्षम नहीं होती है। याचिका में कहा गया है कि मुफ्त की घोषणाओं का लोगों के रोजगार, विकास या कृषि में सुधार से कोई लेना-देना नहीं होता है लेकिन मतदाताओं को लुभाने के लिए ऐसी जादुई घोषणाएं की जाती है।

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