छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल: इंदिरा गांधी के कैबिनेट में मंत्री रहे आदिवासी नेता RSS के कार्यक्रम में होंगे शामिल

Update: 2025-06-04 12:34 GMT

Tribal Leader Arvind Netam will Attend RSS Program : रायपुर। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के सात साल बाद अब छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम नागपुर में आयोजित आरएसएस के वार्षिक समारोह में शामिल होंगे। इस निमंत्रण ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।

बता दें कि, इससे पहले साल 2018 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के इस कार्यक्रम में भाग लिया था। इस दौरान कांग्रेस के कुछ वर्गों ने उनकी आलोचना की थी। अब नेताम भी इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं, चूंकि नेताम का राजनीतिक सफर कांग्रेस से जुड़ा था और अब वे आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने वाले हैं तो यह सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कब है कार्यक्रम

नागपुर मुख्यालय में संघ द्वारा “कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय समापन समारोह” 5 जून को आयोजित किया जा रहा है। बस्तर के दिग्गज आदिवासी नेता अरविंद नेताम को आरएसएस ने मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। यह कार्यक्रम स्वयंसेवकों या संघ कार्यकर्ताओं के लिए तीन साल के प्रशिक्षण की अवधि का समापन है।

निमंत्रण मिलने के बाद क्या बोले आदिवासी नेता नेताम

इस निमंत्रण से राजनीतिक उद्देश्यों को लेकर आदिवासी नेता नेताम ने कहा कि उन्होंने संघ के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने और बस्तर में आदिवासी अधिकारों के लिए लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए इसमें शामिल होने की योजना बनाई है।

मैं आरएसएस के कार्यक्रम में जा रहा हूं क्योंकि मैं आरएसएस के साथ मजबूत संवाद चाहता हूं ताकि उन्हें आदिवासी मुद्दों को समझा जा सके। बस्तर में अभी सबसे बड़ा मुद्दा धर्मांतरण है। मेरा मानना ​​है कि अगर आरएसएस हमारा समर्थन करता है, तो भाजपा सरकार हमारी मांगों पर ध्यान देगी। हम ही हैं जिन्होंने पिछले साल दिसंबर में अपने आदिवासी कार्यक्रम में सबसे पहले आरएसएस नेताओं को आमंत्रित किया था। इसके अलावा, महीनों पहले, मैंने रायपुर में मोहन भागवत से मुलाकात की थी और आदिवासी मुद्दों पर चर्चा की थी।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता चरणदास महंत ने आदिवासी नेता नेताम को आमंत्रित किये जाने पर आश्चर्य जताते हुए सवाल उठाया कि क्या नेताम आरएसएस में शामिल होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, मुझे आश्चर्य हो रहा है कि अरविंद नेताम को आरएसएस मुख्यालय में अतिथि क्यों बनाया गया। मैं उनसे बात कर यह जानने की कोशिश करूंगा कि वे आरएसएस में शामिल हो रहे हैं या एक वरिष्ठ आदिवासी नेता के तौर पर भाषण देने जाएंगे हैं।

आदिवासी नेता अरविन्द नेताम ने स्पष्ट किया कि वे आदिवासी मुद्दों पर चर्चा के लिए जा रहे हैं, न कि आरएसएस में शामिल होने के लिए। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समस्याओं के लिए भाजपा से बात करने से ज्यादा आरएसएस को समझाना जरूरी है। 

अरविंद नेताम कौन हैं?

अरविंद नेताम छत्तीसगढ़ के एक प्रमुख आदिवासी नेता और सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष हैं। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं और भारतीय राजनीति में आदिवासी समुदाय की मजबूत आवाज के रूप में जाने जाते हैं। अरविंद नेताम चार बार सांसद रह चुके हैं और इंदिरा गांधी (1980-1984) तथा पी.वी. नरसिम्हा राव (1991-1996) की सरकार में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।

वे लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे, लेकिन समय-समय पर अन्य दलों जैसे बहुजन समाज पार्टी (बसपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के साथ भी उनकी राजनीतिक पारी रही। 2018 में उन्होंने राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापसी की, लेकिन 2023 में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और "हमर राज पार्टी" की स्थापना की।

बस्तर क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ है, और वे आदिवासी समुदाय के हितों, विशेष रूप से पंचायत (विस्तार ग्राम सभा) अधिनियम (पेसा कानून) और जल-जंगल-जमीन के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे हैं।

अरविंद नेताम सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक भी हैं और आदिवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों, जैसे पेसा कानून और ग्राम सभा के अधिकारों, के लिए सक्रिय रूप से कार्य करते रहे हैं। उन्होंने हसदेव अरण्य और सिलगेर जैसे मामलों में आदिवासी समुदाय के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई है।

2023 में अरविंद नेताम ने घोषणा की कि सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा, जिनमें 30 आरक्षित और 20 ऐसी सीटें शामिल थीं, जहां आदिवासी मतदाताओं का प्रभाव है।

2012 में राष्ट्रपति चुनाव में पी.ए. संगमा का समर्थन

2012 के राष्ट्रपति चुनाव में अरविंद नेताम ने यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के बजाय आदिवासी नेता पी.ए. संगमा का समर्थन किया। इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। नेताम का तर्क था कि वे आदिवासी हितों को प्राथमिकता दे रहे थे। इस निलंबन ने उनकी छवि को प्रभावित किया और उन्हें कुछ समय के लिए राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेल दिया।

2023 में कांग्रेस से इस्तीफा

नेताम ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर रायपुर में आयोजित एक जनसभा में कांग्रेस छोड़ने की घोषणा की और पार्टी पर आदिवासी विरोधी नीतियों का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने पेसा कानून को लागू करने का वादा किया था, लेकिन हसदेव अरण्य में कोयला खनन और बस्तर में आदिवासी हितों की अनदेखी की गई।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भूपेश बघेल सरकार ने आदिवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर किया। इस इस्तीफे ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी, क्योंकि नेताम का आदिवासी समुदाय में व्यापक प्रभाव है।

2023 में भानुप्रतापपुर उपचुनाव

भानुप्रतापपुर उपचुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने अपने उम्मीदवार अकबर राम कोर्राम को उतारा, जिन्हें 23,000 से अधिक वोट प्राप्त हुए। कांग्रेस ने अरविंद नेताम पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस उम्मीदवार के समर्थन में पार्टी के खिलाफ प्रचार किया।

इसके चलते फरवरी 2023 में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नेताम ने जवाब में कहा कि सर्व आदिवासी समाज एक सामाजिक संगठन है और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रचार नहीं किया। इस विवाद के बाद उनके और कांग्रेस के बीच तनाव और बढ़ गया।

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