छत्तीसगढ़ मानसून सत्र 2025: खाद, बिजली और शराब घोटाले पर होगी तीखी बहस, सरकार को घेरेगी कांग्रेस
Chhattisgarh Vidhansabha Monsoon Session : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज, 14 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है, जो 18 जुलाई तक चलेगा। इस पांच दिवसीय सत्र में कुल 996 सवालों के साथ तीखी बहस और हंगामे की पूरी संभावना है।
जानकारी के मुताबिक, भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस ने रविवार रात अपने-अपने विधायकों के साथ बैठकें कर रणनीतियां तैयार की हैं। सुबह 11 बजे से शुरू होने वाली सदन की कार्यवाही में खाद की कमी, बिजली दरों में वृद्धि, शराब घोटाला, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर जोरदार हंगामा होने की संभावना है।
कांग्रेस की आक्रामक रणनीति
कांग्रेस ने सत्र में सत्ताधारी भाजपा को घेरने की पूरी तैयारी की है। रविवार शाम को राजीव भवन में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की अध्यक्षता में रणनीति बनाई गई। विपक्ष ने उर्वरकों की कमी, बिगड़ती कानून-व्यवस्था, शिक्षकों के युक्तिकरण, अवैध रेत खनन, पेड़ों की कटाई, और शराब की अवैध बिक्री जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाने का फैसला किया है।
इसके अलावा, भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार के आरोप भी सत्र में चर्चा का केंद्र बन सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी सड़क से लेकर सदन तक सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए तैयार है।
भाजपा की जवाबी तैयारी
दूसरी ओर, भाजपा ने भी सत्र के लिए कमर कस ली है। रविवार रात नवा रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव और संगठन महामंत्री पवन साय सहित सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे। बैठक में विधायकों को सत्र के दौरान शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने और विभागीय मंत्रियों को पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने डीएपी खाद की कमी को स्वीकार करते हुए कहा कि यह समस्या पूरे देश में है, और कृषि विभाग एनपीके खाद को विकल्प के रूप में बढ़ावा दे रहा है।
सत्र में उठने वाले प्रमुख मुद्दे
90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा के 54, कांग्रेस के 35, और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का एक विधायक है। इस सत्र में विधायकों ने कुल 996 सवाल दाखिल किए हैं, जिनमें से कई सवाल सत्ताधारी पक्ष के विधायकों ने भी उठाए हैं। सत्र के पहले दिन खाद और बीज की कमी, बिजली दरों में वृद्धि, शराब घोटाला, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर हंगामा होने की संभावना है। इसके अलावा, अवैध रेत खनन, पेड़ों की कटाई और युक्तिकरण नीति जैसे मुद्दे भी विपक्ष के निशाने पर रहेंगे। सत्ताधारी पक्ष के विधायक, जैसे अम्बिकापुर से राजेश अग्रवाल, एम्बुलेंस की कमी जैसे स्थानीय मुद्दों को उठाने की तैयारी में हैं।
हंगामेदार सत्र की संभावना
यह सत्र न केवल विपक्ष के आक्रामक रुख के कारण, बल्कि सत्ताधारी पक्ष के विधायकों की सक्रियता के कारण भी हंगामेदार हो सकता है। सरकार को सत्ता में डेढ़ साल पूरे होने के बाद अपनी उपलब्धियों को सदन में पेश करने का मौका मिलेगा, लेकिन विपक्ष की रणनीति सरकार की कमियों को उजागर करने की है। विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा के अनुसार, सत्र में वित्तीय और सरकारी मामलों से संबंधित कार्य किए जाएंगे और अनुपूरक बजट भी पेश किया जा सकता है।