भारत-पाकिस्तान तनाव: भारतीय राजदूत ने प्रधानमंत्री ओली से की मुलाकात, ओली ने आतंकवादी हमलों की निंदा की...

सिद्धार्थनगर। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने शुक्रवार को राजधानी काठमांडू स्थित प्रधानमंत्री सचिवालय में मुलाकात की। इस दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम घटना और भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव पर विस्तृत चर्चा की गई।
नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित प्रधानमंत्री सचिवालय में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत ने पहलगाम घटना के बाद जवाबी कार्रवाई की है। फाइटर जेट द्वारा हमले का जो प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है, वो सरासर गलत है। प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि नेपाल विश्व शांति के पक्ष में है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए आतंकवादी हमले की निंदा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि नेपाल किसी भी विरोधी शक्ति को अपने पड़ोसी देशों के विरुद्ध अपनी भूमि का उपयोग करने की अनुमति नहीं देगा।
पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा हुआ नेपाल
नेपाल के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि नेपाल सरकार 22 अप्रैल 2025 को भारत के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर बहुत चिंतित है, जिसमें एक नेपाली नागरिक ने भी अपनी कीमती जान गंवा दी। इस दुखद अवधि के दौरान, नेपाल और भारत एकजुटता के साथ खड़े रहे, साझा दुख और पीड़ा में एकजुट रहे। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम सभी के साथ हैं। अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप, नेपाल किसी भी विरोधी ताकत को अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा। भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में नेपाल मजबूती के साथ खड़ा है।
नेपाल बॉर्डर की तरफ न जाएं, अनावश्यक तस्वीरें भी न लें, चीनी दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए चीन ने अपने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों से नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र के करीब न जाने का आग्रह किया है। पड़ोसी देश नेपाल के परसा जिले से सटे बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल बॉर्डर पर मंगलवार को चार चीनी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में घुसपैठ की कोशिश में सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने रक्सौल मैत्री ब्रिज से गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान एक महिला हिंदी, नेपाली, अंग्रेज़ी और चीनी में धारा प्रवाह बातचीत करती पाई गई। इसके बाद काठमांडू स्थित चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को नेपाल-भारत सीमा क्षेत्र की तरफ न जाने की चेतावनी दी है।
दूतावास ने अपने लोगों से कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण इंडो नेपाल-बॉर्डर पर सुरक्षा जांच कड़ी कर दी गई है, इसलिए बॉर्डर क्षेत्र में भूलकर न भी जाएं। दूतावास ने लोगों से सीमा क्षेत्र में अनावश्यक तस्वीरें न लेने, नेपाल और भारत के आव्रजन और सीमा कानूनों का सख्ती से पालन करने की भी एडवाइजरी जारी की है। चीनी दूतावास ने कहा कि खुली सीमा के कारण नेपाली और भारतीय नागरिक बिना वीजा के आसानी से एक-दूसरे के देशों में यात्रा कर सकते हैं, लेकिन चीन समेत तीसरे देशों के नागरिकों को यह सुविधा नहीं है। भारत अवैध प्रवासियों के प्रति सख्त है। अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने पर 2 से 8 साल की सजा हो सकती है। ऐसे में स्थानीय पर्यटक गाइडों पर भी भरोसा न करें। जो भारत की यात्रा करना चाहते हैं, वे नेपाल से वीज़ा के लिए आवेदन कर सकते हैं।