यमुना नदी को प्रदूषण से बचाने नदी किनारे लगेंगे तुलसी के पौधे

Update: 2020-12-03 14:03 GMT

- डीएम ने नदी में प्रदूषण रोकने को निगरानी समिति गठित कर दंडात्मक तरीके अपनाने के दिये निर्देश

हमीरपुर। यमुना नदी को प्रदूषण से बचाने के लिये अब यहां निगरानी समिति बनाई जायेगी। इसके लिये गुरुवार को शाम जिलाधिकारी ने पर्यावरण एवं गंगा संरक्षण समिति की बैठक में यमुना नदी में प्रदूषण फैलाने से रोकने के लिये दण्डात्मक तरीके अपनाये जाने के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही तुलसी सहित औषधीय गुणों वाले पौधे लगाए जाने के भी निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने कलेक्ट्रेट मीटिंग हाल में आयोजित गंगा संरक्षण समिति की बैठक में कहा कि यमुना नदी में प्रदूषण को कैसे रोका जाये। नदी में पूजा सामग्री, मूर्ति, फूल आदि न प्रवाहित करने, घरेलू एवं औद्योगिक कचरा नदी में फेंकने से रोकने के लिये लोगों को जागरूक किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नदी किनारे तुलसी आदि औषधीय गुणों वाले पौधे लगाये जाएं। जल निकायों पोखर, तालाबों, झीलों को भी चिन्हित कर उनकी जियो ट्रैगिंग करायी जाये। पर्यावरण मित्र राजेन्द्र वीर सिंह चौहान ने भी यमुना नदी के प्रदूषण को लेकर बैठक में सुझाव दिये है। इस मौके पर अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव, डीएफओ नरेन्द्र सिंह, एसडीएम संजय कुमार मीणा व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

पौधरोपण का मिला लक्ष्य, 55.30 लाख रोपित होंगे पौधे - डीएम

जिलाधिकारी ने वृक्षारोपण समिति की बैठक में कहा कि वर्ष 2021 में पौधरोपण अभियान को लेकर विभिन्न विभागों को जो लक्ष्य दिये गये है उनके स्थलों के चयन की सूचना उपलब्ध करायी जाये। जो पौधे पूर्व में रोपित हुये थे उनको संरक्षित किया जाये। संबन्धित विभाग पौधों की शत प्रतिशत जियो टैगिंग भी कराये। जिलाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021 में पूरे प्रदेश में 30 करोड़ पौधे रोपित कराये जाने के लक्ष्य मिले है। इसलिये यहां फलदार एवं छायादार पौधे प्राथमिकता से लगाये जायेंगे।

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