अमेठी में गरजीं प्रियंका गांधी, कहा - धनबल की राजनीति सेवाभाव से खत्म करुंगी

स्वामीनाथ शुक्ल

Update: 2024-05-03 14:24 GMT

अमेठी। प्रियंका गांधी ने कहा कि अमेठी में धनबल की राजनीति सेवाभाव से खत्म करुंगी। इसके लिए तीन दिन बाद छह मई से लगातार अमेठी में चुनाव प्रचार करेंगी। उन्होंने कहा कि किशोरी लाल शर्मा से हमारे परिवार के वर्षों के रिश्ते है। अमेठी रायबरेली के लोगों की सेवा में वे हमेशा मन प्राण से लगे रहे। उनके जनसेवा का जज्बा अपने आप में एक मिसाल है।आज खुशी की बात है कि किशोरी लाल शर्मा को कांग्रेस पार्टी ने अमेठी से उम्मीदवार बनाया है। इनकी निष्ठा और कर्तव्य के प्रति उनका समर्पण अवश्य ही इस चुनाव में सफलता दिलाएगा।


अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार केएल शर्मा ने नामांकन के बाद कहा कि चालीस साल से अमेठी की सेवा कर रहे हैं। वे कभी नेता बनकर अमेठी में काम नहीं किए है। हरेक परिवार में पिता पुत्र दोनों से रिश्ते है। यह रिश्ते राजनीतिक नहीं बल्कि परिवारिक है। शर्मा ने कहा कि यह चुनाव सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का है। इस चुनाव को अमेठी की जनता लड़ेंगी। शर्मा ने कहा कि अमेठी के चुनाव प्रचार में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, डिंपल यादव रामगोपाल यादव भी आएंगे।

गांधी परिवार के करीबी - 

किशोरी लाल शर्मा मूल रूप से पंजाब में लुधियाना के रहने वाले हैं। केएल शर्मा रायबरेली में सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के रूप में लंबे समय तक काम किए है। 2014 तक अमेठी और अबतक रायबरेली में यही पूरा काम संभाल रहे थे। किशोरी लाल शर्मा 1983 में राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी में कदम रखे थे। राजीव गांधी के निधन के बाद वह गांधी परिवार के और करीब आ गए थे। अमेठी और रायबरेली में लगातार रहते थे। शीला कौल और सतीश शर्मा के काम को भी लंबे समय तक संभाल चुके हैं। केएल शर्मा बिहार के प्रभारी और पंजाब कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं। उन्हें चुनाव प्रबंधन का भी काफी अनुभव है। पार्टी उन्हें कई चुनाव में प्रबंधन की जिम्मेदारी भी सौंपी थी।

प्रियंका अमेठी के लिए नहीं तैयार - 

पहले अमेठी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चुनाव लडने की खबर थी। लेकिन राहुल गांधी रायबरेली चले गए। प्रियंका अमेठी के लिए तैयार नहीं हुईं। जिससे गांधी परिवार के सबसे ज्यादा भरोसेमंद केएल शर्मा को अमेठी से उम्मीदवार बनाया गया है। इसके पहले पिछले दिनों रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी चर्चा में आया था। जब अमेठी में कांग्रेस दफ्तर के बाहर उनके समर्थन में पोस्टर लगाए गए थे। रॉबर्ट वाड्रा ने खुद भी राजनीति में आने के संकेत दिए थे। अमेठी में केएल शर्मा का सीधा मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से होगा। राहुल गांधी 2004 से लेकर 2019 तक अमेठी के सांसद थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उन्हें करारी शिकस्त दी थी। दोनों के बीच हार-जीत का अंतर 55 हजार था। स्मृति इरानी तीसरी बार अमेठी से चुनाव लड़ रही है। अब कांग्रेस ने अपने भरोसेमंद केएल शर्मा को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। अमेठी में स्मृति ईरानी और केएल शर्मा का सीधा मुकाबला होगा। कांग्रेस के साथ सपा का गठबंधन है। जिससे कांग्रेस के नामांकन में सपा कार्यकर्ताओं की भीड़ जमा थी।

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