खाकी उतार खादी पहन पूर्व आईपीएस कुश सौरभ ने बासगांव से ठोकी चुनावी ताल

Update: 2019-03-20 09:12 GMT

गोरखपुर। कभी खाकी पहनकर भारतीय कानून का पालन कराने वाले अब नये कानून बनाने के लिए 17वीं लोकसभा चुनाव में ताल ठोकी है। यह चुनावी ताल ठोकने वाले पूर्व आईपीएस कुश सौरभ हैं। जिनके ऊपर कांग्रेस ने बासगांव लोकसभा सीट से दांव लगाया है। तबरीबन तीन दशकों से खाकी वर्दी व स्टार पहने पूर्व आईपीएस कुश आजकल खादी कुर्ता पजामें में नजर आ रहे हैं।

स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर राजनीति में उतरे आईपीएस कुश सौरभ पासवान को टिकट देकर कांग्रेस आलाकमान ने उनकी प्रत्याशिता पर मुहर लगा दी है। कुश ने बीते जनवरी महीने में कांग्रेस महासचिव गुलामनबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली थी। कई जिलों में पुलिस कप्तान रह चुके कुश को प्रेसिडेंट मेडल भी मिल चुका है।

कुश सौरभ का भाजपा व गठबंधन से कड़ा है टक्कर

बासगांव लोकसभा अखाड़े में जहां कांग्रेस ने पूर्व आईपीएस कुश सौरभ पर भरोसा जताया है। वहीं सपा बसपा गठबंधन से बसपा ने बस्ती जनपद के महदेवा विधानसभा से पूर्व विधायक रहे दूधराम पर दांव लगाया है। जब कि यह सीट पिछले दस वर्षों से भाजपा की झोली में है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा उम्मीदवार दूसरे नंबर व सपा उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहें है। हालांकि अभी भाजपा ने अपने उम्मीदवार के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं किया है। मगर यह कयास लगाया जा रहा है कि लगातार दो बार से सांसद रहे कमलेश पासवान पर ही पार्टी भरोसा जतायेगी। अब ऐसे चुनावी दंगल में कुश सौरभ कौन सा दांव खेलेंगे यह तो इबीएम ही बतायेगा।

छात्र जीवन से ही राजनीति में रही रूची

कुश सौरभ मूलतः जनपद देवरिया के पैना गांव के निवासी है। वर्तमान वह गोरखपुर जनपद के बड़हलगंज में रहते हैं। कुश सौरभ की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राइमरी स्कूल में हुई। उच्च शिक्षा बीआरडी पीजी काॅलेज में हुई है। बचपन से मेधावी रहे कुश सौरभ का छात्रजीवन से ही राजनीति से लगाव रहा। वह बीआरडीपीजी काॅलेज के छात्रसंघ के महामंत्री भी रह चुके हैं। छात्र राजनीति से निकले सौरभ ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई की। इसके बाद वह एक बैंक में नौकरी करने लगे।

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