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जीएलए में गायों के संवर्धन पर होगा शोध, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन ने किया केंद्र का शुभारंभ

Update: 2019-08-12 14:30 GMT

मथुरा। गौ सवंर्धन के लिए जीएलए विश्वविद्यालय में गौ अनुंसधान केन्द्र की स्थापना की है। इस गौ अनुसंधान केन्द्र का शुभारंभ राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन डाॅ. बल्लभभाई कथिरिया ने फीता काटकर किया। इस दौरान उन्होंने गौ संवर्धन पर अपने विचार भी प्रकट किए।

विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलाॅजी के जैव प्रौद्योगिकी विभाग में शुरू हुए गौ अनुसंधान केन्द्र के बारे में बोलते हुए चेयरमैन डाॅ. बल्लभ भाई कथिरिया ने गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिये विभिन्न विकल्प सुझाये। इसके द्वारा ग्रामीण सुदृढ़ता सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये भारत सरकार के द्वारा उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से बताया।

अपने व्याख्यान में उन्होंने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग भारत सरकार की विभिन्न नीतियों और सेवाओं के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने आयोग द्वारा गायों के लिये कानूनी व्यवस्था एवं कल्याणकारी योजनओं का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि गौ संवर्धन के लिये भारत सरकार ने 750 करोड़ रूपये आवंटित किये हैं, जो कि गौ सेवा तथा गौचर विकास के लिये उपयोग किये जायेंगे।

ड़ाॅं कथिरिया द्वारा उद्घाटित जीएलए विश्वविद्यालय के गौ अनुसंधान केन्द्र में गौ सबंधित प्रमुख बिमारियों (पैराट्यूबरक्लाॅसिस, ब्रुसेलोसिस, खुरपका-मुंहपका) आदि की जांच एवं इन बिमारियों की रोकथाम के लिये ठोस कदम उठाये जायेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनन्द मोहन अग्रवाल, सेके्रटरी सोसायटी एवं कोषाध्यक्ष नीरज अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य विवेक अग्रवाल, डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, अध्यक्ष पशुपालन विभाग, साधुसंत सहित अन्य गणमान्य अतिथि एवं विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह उपस्थित रहे। डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बायोटेक्नोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शूरवीर सिंह एवं विभाग में कार्यरत सभी अध्यापकगणों को इस अवसर पर बधाई दी। डाॅ. गुप्ता ने अपने व्याख्यान में गौ सेवा तथा गौधन द्वारा क्षेत्र एवं देश के अर्थिक विकास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।

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