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मथुरा में बना यूपी का पहला भूसा बैंक, 50 लाख का भंडारण

सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर अमल शुरू, जमाखोरी पर कसेगी लगाम

Update: 2020-05-12 15:02 GMT


मथुरा। सीएम योगी आदित्यनाथ का गायों के लिए प्रेम किसी से छिपा नहीं है। बीते दिनों उन्होंने एक वीडियो कांफ्रेसिंग में प्रदेश भर के अधिकारियों को हर जिले में भूसा बैंक बनाने का निर्देश दिया। इस कार्य में मथुरा अव्वल आया है। यहां गौ भक्तों के अनुदान से राल स्थित गौशाला में इस बैंक की स्थापना की गई। जिसमें अभी तक 10 हजार क्विंटल भूसा भंडारित भी किया जा चुका है। ये यूपी का पहला भूसा बैंक है।

गौ-पालन को सरल, आत्मनिर्भर बनाने के लिए यूपी सरकार कई योजनाएं संचालित कर रही है। इसी बीच सीएम योगी ने प्रदेश भर के जिलाधिकारियों को भूसा बैंक तैयार करने का आदेश दिया। इसके पीछे सरकार की मंशा ये थी कि वर्ष भर गौशालाओं को उचित मूल्य पर भूसा उपलब्ध होता रहे। मथुरा में ब्रजतीर्थ विकास परिषद और उज्जवल ब्रज ने ये अभिनव पहल की। राल स्थित ब्रहमर्षि देवरहा बाबा निराश्रित गऊ आश्रय स्थल में इस बैंक की स्थापना की गई है।

जीएलए यूनिवर्सिटी, केडी मेडिकल काॅलेज, गुरूशरणानंद आश्रम, विजय कौशल जी महाराज सहित अन्य गौभक्तों के योगदान से इस बैंक में 50 लाख की कीमत का दस हजार क्विंटल भूसा का भंडारण किया गया है। इस भुस को जरूरत मंद गौशालाओं को उचित मूल्य पर वितरित किया जाएगा।


गौशालाओं के चयन को लिए बनाई कमेटी

इस भूसा बैंक से लाभान्वित होने वाली गौशालाओं के चयन के लिए मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया है। ये कमेटी आर्थिक रूप से कमजोर गौशालाओं की सूची तैयार करेगी। इसके बाद इन गौशालाओं को बैंक से जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें साल भर तक बाजिव मूल्य पर भुस उपलब्ध कराया जाएगा। गौपालन को आसान बनाने के लिए ये कदम बेहद कारगर होगा।


भूसा बैंक की आखिर क्यों है जरूरत

गेहूं की फसल के दौरान भुस की कीमतें 350 से 400 रूपए क्विंटल पर आ जाती है। इन कीमतों पर भी किसान को खरीदार नहीं मिलता है। दिसंबर के बाद ये कीमतें दोगुनी से भी अधिक हो जाती है। इन कीमतों पर ऐसी गौशालाएं जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है, वो खरीद नहीं पाती है। ऐसे में गौपालन कठिन हो जाता है। ये सारा खेल जमाखोर करते है। इसी जमाखोरी के चक्र को तोड़ने के लिए भूसा बैंक का गठन किया गया है। इस बैंक के लिए आने वाली धनराशि से इसे हर साल रिसाइकिल किया जाएगा। 

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