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ब्रज के कुंडों पर ब्रज फाउंडेशन ने कर लिया कब्जा, यूपी सरकार ने एनजीटी में दाखिल किया अपना जबाव

-डीएम की जांच रिपोर्ट में हुए थे कई गंभीर खुलासे, कुंडों की खुदाई से निकली मिट्टी का भी नहीं मिला कोई हिसाब

Update: 2019-12-12 07:11 GMT

मथुरा। गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान द्वारा ब्रज फाउंडेशन के खिलाफ एनजीटी में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया। इस पर ब्रज फाउंडेशन और याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने भी जवाब दाखिल करने के लिये समय मांगा है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने जवाब में ब्रज फाउंडेशन व विनीत नारायण पर बाबा आनंद गोपाल दास के द्वारा लगाए सभी आरोपों की पुष्टि करते हुए न्यायालय में अपना जवाब दाखिल कर दिया। उल्लेखनीय है कि पिछली तारीख पर एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को याचिकाकर्ता की तरफ से ब्रज फाउंडेशन व विनीत नारायण पर लगाए गए सभी आरोपों पर जवाब दाखिल करने को कहा था।

एनजीटी के आदेश के अनुपालन में जिला अधिकारी ने 04 दिसम्बर 2019 को एक कमेटी का गठन किया जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से दाखिल याचिका पर बिंदुवार जवाब देने के लिए कहा गया। जिला अधिकारी मथुरा द्वारा इस जांच कमेटी में उप जिला अधिकारी सदर मथुरा, तहसीलदार सदर, तहसीलदार गोवर्धन, तहसीलदार छाता, अधिशाषी अभियंता, सिचाई, जल निगम, जिला पंचायत राज अधिकारी, उप प्रभागीय वन अधिकारी को नामित किया गया।

उपरोक्त समिति द्वारा याचिका के सभी बिंदुओं की संयुक्त रूप से स्थलीय जांच की तथा उपलब्ध अभिलेखों का अवलोकन किया गया। समिति द्वारा जो रिपोर्ट दी गई है उसमें सभी कुंडों पर लगभग बिना किसी मान्य अनुमति के ब्रज फाउंडेशन व विनीत नारायण ने कार्य करवाया, तथा कुंडों का क्षेत्र फल कम कर उनपर कब्जा तक किया गया। जांच कमेटी द्वारा संकर्षण कुंड, रुद्र कुंड, ऋणमोचन कुंड, ब्रह्म कुंड, जय कुंड, रामताल कुंड, कृष्ण सरोवर कुंड, चंद्र सरोवर कुंड, वनमाली कुंड, रत्नाकर सागर, गोमतीगंगा, का निरीक्षण किया। जिसमें निष्कर्ष पर पहुंचते हुए जांच कमेटी ने यह पाया कि ब्रज फाउंडेशन व विनीत नारायण ने जीणोद्धार के नाम पर कुंडों और तालाबों के मौलिक स्वरूप को परिवर्तित करते हुऐ पक्का निर्माण कर प्राकृतिक जल स्रोतों से शौचालय, गार्ड रूम, कार्यालय आदि पक्के निर्माण कर अतिक्रमण कर लिया। सभी कार्य बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के किया गया जो कि विधि विरुद्ध है और जिसकी वित्तीय जांच भी होनी चाहिए।

इधर याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ब्रज फाउंडेशन ने ब्रज को सजाने के नाम पर जलाशयों का नाश किया है इसके बाद भी सरकार के द्वारा विनीत नारायण व ब्रज फाउंडेशन पर जान बूझ कर कोई कार्यवाही नहीं कि जा रही है। ब्रज फाउंडेशन को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायालय में अपने जवाब में तो यह साफ कर दिया है कि ब्रज फाउंडेशन व विनीत नारायण ने अपने निजी स्वार्थ के लिये यह सब कार्य किया लेकिन इतने सालों से किसी भी अधिकारी द्वारा उन पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कि गई जो यह दर्शाता है कि कहीं ना कहीं इस मिली भगत में पूर्व के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं जो आज भी विनीत नारायण व ब्रज फाउंडेशन को बचाने का प्रयास कर रहे है।

सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी तलब

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने गोवर्धन में अभी तक सर्विस रोड ना बनने को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए एनजीटी में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को अगली तारीख 20 दिसंबर के लिए तलब किया है।

गोवर्धन परिक्रमा संरक्षण संस्थान द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी के न्यायाधीश रघुवेंद्र सिंह राठौर और सत्यवान सिंह गबराल ने गोवर्धन में अभी तक सर्विस रोड ना बनने पर एतराज जताया और कहा कि अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने न्यायालय में मार्च 2019 में शपथ पत्र दाखिल कर कहा था कि गोवर्धन के सभी कार्य जल्दी पूरे करा दिए जाएंगे तथा गोवर्धन सर्विस रोड का कार्य के लिए पैसा भी जल्द ही आवंटित कर दिया जाएगा। एनजीटी ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के प्रति भी नाराजगी जताते हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को अगली तारीख पर मौजूद रहने को कहा तथा मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी से भी जवाब मांगा कि अभी तक सर्विस रोड के कार्य में प्रगति क्यों नहीं हो सकी।  

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