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पेड न्यूज वर्तमान मीडिया में अभिशाप की तरह

वर्तमान मीडिया में पेड न्यूज एक अभिशाप के रूप में है। यह प्रवृत्ति लोकतांत्रिक विचारों को जनमानस तक पहुंचने से रोकती है।

Update: 2022-12-24 12:51 GMT

वर्तमान समय में मीडिया आम जनमानस में संचार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आज के समय मीडिया में की उपस्थिति हमारे हर क्षण में है। या यूं कहें कि संचार के बिना जीवन का आगे बढ़ना कठिन हो गया है, तो अतिशतोक्ति नहीं होगी। हर अच्छी चीज में बुरी चीजें भी समाहित होती हैं। मीडिया में ऐसी ही बुरी चीज है पेड मीडिया। ये आम मीडिया या खबर के तौर पर ही पाठकों के सामने परोसी जाती हैं, लेकिन उनके पीछे का उद्देश्य हमेशा भ्रामक ही रहता है। इसीलिए उसको प्रायोजित किया जाता है। यही प्रायोजित मीडिया कवरेज ही पेड मीडिया के तौर पर हमारे सामने आता है, जिसे हम मीडिया का अभिशाप समझ सकते हैं। कुछ ऐसी ही बातें कहीं मौलाना मजहरूल हक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय पटना बिहार के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डॉ. रणजीत कुमार ने.

पेड न्यूज एक अभिशाप

डॉ. रणजीत कुमार ने डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग की तरफ से आयोजित व्याखान में अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान मीडिया में पेड न्यूज एक अभिशाप के रूप में है। यह प्रवृत्ति लोकतांत्रिक विचारों को जनमानस तक पहुंचने से रोकती है। इस व्याख्यान में विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग से जुड़े प्राध्यापक और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। डॉ. रणजीत कुमार ने छात्रों को बताया कि मीडिया शब्द की शुरूआत 1980 के दशक से मानी जाती है। यह शब्द 1990 के बाद से अधिक लोकप्रिय हो गया। इसी शब्द में ही प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया समाहित हो गया और वर्तमान में पत्रकारिता एक विधा हो गई।


पत्रकारों को आगे आना होगा

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान में मीडिया के समक्ष पेड न्यूज एक बड़ी चुनौती है। मीडिया की नैतिकता को बचाये रखने के लिए पत्रकारों को आगे आना होगा। तभी विसंगतियों से छुटकारा पाया जा सकता है। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनिल कुमार विश्वा ने किया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक डॉ राजनारायण पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर सुभाष सिंह, संदीप शुक्ला, रोशनी कुमारी, शरद यादव, दिनकर मिश्र, गीताजंलि मिश्रा, आशु शुक्ला, अभिषेक दुबे आदि मौजूद रहे।


विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश घोषित

इस बीच डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने 25 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक का अवकाश घोषित किया है. इस दौरान शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक क्रियाकलाप स्थगित रहेंगे।

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