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अवध विश्वविद्यालय में होगा उत्तर प्रदेश- उत्तराखंड आर्थिक संघ का 16वां राष्ट्रीय अधिवेशन

आर्थिक संघ का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में 9, 10 अप्रैल को होगा।

Update: 2021-04-05 11:26 GMT
  • एकात्म मानववाद के साथ यूपी की अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भरता पर होगी चर्चा
  • कोविड प्रोटोकॉल के तहत आएगें पूरे देश से चुनिंदा प्रमुख अर्थशास्त्री

अयोध्या: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आर्थिक संघ का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन डॉ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में 9, 10 अप्रैल को होगा। अधिवेशन में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में रोजगार के अवसर, अनौपचारिक क्षेत्र एवं श्रमिकों का वाहय प्रवास आदि विषयों पर देश के प्रमुख अर्थशास्त्री अपने विचार रखेंगे। कोविड नियमों का पालन करते हुए यह अधिवेशन ऑफलाइन, ऑनलाइन दोनों मोड में होगा।

अधिवेशन की तैयारियां अंतिम चरण में है। विश्वविद्यालय स्तर पर अधिवेशन को संपन्न बनाने के लिए कुलपति प्रोफेसर रवि शंकर सिंह की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है। उत्तर प्रदेश उत्तराखंड आर्थिक संघ के महासचिव प्रो विनोद कुमार श्रीवास्तव अधिवेशन के संयोजक भी हैं। अधिवेशन में प्रतिभाग करने के लिए एकेडमिक एसोसिएशन के लिए दो हज़ार, विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए पांच सौ रजिस्ट्रेशन शुल्क रखा गया है।

समग्र विकास के प्रतिमान के रूप में एकात्म मानववाद के साथ उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में आत्मनिर्भरता का विकासात्मक परिप्रेक्ष्य, भारत में अनौपचारिक एवं मध्यम, लघु तथा सूक्ष्म उपक्रम, वर्तमान स्थिति और संभावनाएं पर देश के चुनिंदा अर्थशास्त्री अपने विचार रखेगें। कई विश्वविद्यालयों के पू्र्व व वर्तमान कुलपति भी प्रतिभाग कर रहे हैं।

अधिवेशन संयोजक प्रोफेसर विनोद श्रीवास्तव ने बताया कि पहले इस अधिवेशन में पूरे देश से लगभग साढ़े छ सौ डेलिकेट प्रतिभाग कर रहे थे लेकिन अब कोविड नियमों का पालन करने के कारण चुनिंदा लगभग दो सौ अर्थशास्त्री इसमें भाग लेंगे। इस वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन में समकालीन बिंदुओं के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले विभिन्न प्रभावों एवं संभावनाओं पर विषय विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए जाएंगे। विभिन्न प्रकार के शोधार्थियों द्वारा विषय पर अपने शोध पत्रों की भी प्रस्तुति की जाएगी।

इनमें से यूपीआ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर रवि श्रीवास्तव, आचार्य मनोज दीक्षित पूर्व कुलपति अवध विश्वविद्यालय, अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अशोक मित्तल कुलपति आगरा विश्वविद्यालय, प्रोफ़ेसर एनके तनेजा कुलपति मेरठ विश्वविद्यालय, प्रोफेसर डीके नौटियाल पूर्व कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय, प्रोफेसर आध्या प्रसाद पांडे पूर्व कुलपति मणिपुर सेंट्रल यूनिवर्सिटी, प्रोफेसर एमपी वर्मा पूर्व कुलपति बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ, प्रोफेसर कल्पना श्रीवास्तव रिसर्च डायरेक्टर एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ, प्रोफेसर आईडी गुप्ता पूर्व विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र ग्रामीण विकास विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रोफेसर वीके बाजपेई पूर्व डायरेक्टर गिरी शोध संस्थान लखनऊ, प्रोफेसर पहलाद कुमार विभागाध्यक्ष इलाहाबाद केंद्र विश्वविद्यालय प्रयागराज, प्रोफेसर घनश्याम सिंह वरिष्ठ कृषि अर्थशास्त्री पटना विश्वविद्यालय आदि अपने विचार रखेगें।

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