Jyeshtha Purnima 2025: 10 या 11 जून कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा? यहां जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
सनातन धर्म हर महीने के अंतिम दिन को पूर्णिमा तिथि माना जाता है। इस दिन हिंदू धर्म में विशेष माना गया है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान विष्णु की पूजा करती हैं। पूर्णिमा तिथि के दिन पवित्र नदियों में जाकर स्नान और दान करने की परंपरा है। इन दिनों ज्येष्ठ का महीना चल रहा है, इस पूर्णिमा को भी विशिष्ट माना जाता है। मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सारे पापों का नाश होता है और उसकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। इस दिन वट सावित्री का भी व्रत रखा जाता है। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा को लेकर कंफ्यूजन है। ऐसे में आइए जानते हैं सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि…
कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 10 जून की सुबह 11:35 बजे से प्रारंभ होकर 11 जून की दोपहर 01:13 बजे पर समाप्त होगी। वहीं, चाँद रात यानी चंद्रोदय का समय 10 बजकर 50 मिनट पर बताया जा रहा है। इस प्रकार उदयातिथि के अनुसार इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 11 जून को ही मनाई जाएगी।
स्नान दान का शुभ मुहूर्त
वहीं, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान दान करने का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 02 मिनट से लेकर 4 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस समय में स्नान और दान करना शुभ माना गया है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूजन विधि
- ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सुबह भोर में उठना चाहिए।
- उसके बाद श्वेत वस्त्र धारण कर भगवान की पूजा करनी चाहिए।
- अब पीपल के पेड़ की भी किया जा सकता है।
- पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।
- पीपल में भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का वास माना जाता है।
- अब शाम को चंद्रमा की पूजा करें और अर्घ्य दें।
- पारण के मुहूर्त में प्रसाद ग्रहण करें और सारे लोगों में भी बांट दें।