"मैसूर पाक" अब हुई 'मैसूर श्री': जयपुर की मिठाई दुकानों ने 'पाक' को कहा अलविदा, अब "आम पाक" नहीं, मिलेगा "आम श्री"
जयपुर। देश में आतंकवाद के खिलाफ भावनात्मक माहौल और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की लहर के बीच राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक अनोखा कदम उठाया गया है। यहां मिठाइयों के नामों से 'पाक' शब्द हटाकर उसकी जगह 'श्री' जोड़ दिया गया है। यानी अब आपको दुकान पर आम पाक नहीं, 'आम श्री', और मैसूर पाक नहीं, 'मैसूर श्री' मिलेगा।
यह फैसला 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत के सैन्य ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद लिया गया है। मिठाई दुकानदारों का कहना है कि यह केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक राष्ट्रभक्ति की अभिव्यक्ति है।
कौन-कौन सी मिठाइयों के बदले नाम?
जयपुर की कम से कम तीन नामी मिठाई दुकानों ने निम्नलिखित बदलाव किए हैं:
पुराना नाम - नया नाम
आम पाक - आम श्री
गोंद पाक - गोंद श्री
स्वर्ण भस्म पाक - स्वर्ण श्री
चांदी भस्म पाक - चांदी श्री
मोती पाक - मोती श्री
मैसूर पाक - मैसूर श्री
मैसूर पाक की कहानी: एक शाही मिठाई
मैसूर पाक का इतिहास कर्नाटक के मैसूर महल से जुड़ा है। यह मिठाई पहली बार काकासुरा मदप्पा नामक एक शाही बावर्ची ने राजा कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ के लिए बनाई थी। धीरे-धीरे यह मिठाई हर भारतीय घर की मिठास बन गई, लेकिन अब इसके नाम में बदलाव से यह एक संवेदनशील बहस का विषय बन गई है।
'पाक' शब्द को लेकर विवाद
इस नाम परिवर्तन पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
कुछ लोग इसे राष्ट्रभक्ति की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति बता रहे हैं, वहीं कई लोगों ने इसे ज्ञान की कमी और अतिवाद का उदाहरण बताया।
एक यूजर ने लिखा:
"'पाक' शब्द संस्कृत के 'पक्व' से आया है, जिसका अर्थ है – पका हुआ। इसका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है।"
एक अन्य यूजर ने तंज कसा:
"हर दिन ऐसे किस्सों के साथ इस देश की सामूहिक समझदारी थोड़ी और गिर जाती है!"
नाम बदला, स्वाद वही रहेगा?
मिठाई दुकानदारों का कहना है कि स्वाद और गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं होगा, सिर्फ नाम बदला है ताकि लोगों में देशप्रेम और सांस्कृतिक चेतना बनी रहे। वे इस कदम को 'मीठे राष्ट्रवाद' का प्रतीक मानते हैं।