दिल्ली एयरपोर्ट पर हादसा: एयर इंडिया के विमान की सहायक पॉवर यूनिट में लगी आग…
नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार को एक बड़ा विमान हादसा टल गया। हांगकांग से दिल्ली पहुंची एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या AI 315 के लैंडिंग के कुछ ही समय बाद उसकी सहायक विद्युत इकाई (APU) में आग लग गई। गनीमत रही कि इस घटना में सभी यात्री और चालक दल के सदस्य पूरी तरह सुरक्षित हैं।
एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि विमान के उतरते ही APU में आग लग गई। हालांकि यह यूनिट स्वचालित प्रणाली से लैंडिंग के बाद बंद हो गया था, फिर भी कुछ ही पलों में इसमें आग की सूचना मिली। राहत एवं दमकल टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया।
क्या है APU और यह घटना कब हुई?
एपीयू (Auxiliary Power Unit) विमान में एक सहायक प्रणाली होती है जो मुख्य इंजन के बंद होने के बाद आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है। यह खासकर विमान के पार्क होने के दौरान जरूरी होता है, जैसे कि रोशनी या एयर कंडीशनिंग के लिए। सोमवार को जैसे ही विमान ने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग की और यात्री उतरने लगे, तभी APU में अचानक आग लग गई।
एयर इंडिया और DGCA की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि सभी यात्री सुरक्षित तरीके से विमान से बाहर निकाल लिए गए। हालांकि विमान को आग से कुछ नुकसान हुआ है। घटना की गंभीरता को देखते हुए विमान को आगे की जांच के लिए एयरपोर्ट पर ही ग्राउंड कर दिया गया है।
वहीं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को इस हादसे की सूचना दे दी गई है और विमानन सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।
पिछली घटनाओं के मद्देनज़र क्यों है ये मामला गंभीर?
हाल ही में एयर इंडिया के विमान बेड़े की तकनीकी स्थिति को लेकर DGCA ने एयरलाइन को बोइंग 787 और 737 विमानों के फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सिस्टम की सुरक्षा जांच करने के निर्देश दिए थे।
यह निर्देश अहमदाबाद विमान घटना की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के बाद आया था, जिसमें संकेत मिले थे कि हादसे से पहले विमान के फ्यूल स्विच बंद हो गए थे।
यह घटना एक बार फिर विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। हालांकि समय पर की गई प्रतिक्रिया और सुरक्षा मानकों की वजह से एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन यह विमान तकनीक की बारिकियों को और सख्ती से परखने की जरूरत को उजागर करता है।