Breaking News: पाकिस्‍तान से तनाव के बीच केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 7 मई को पूरे देश में होगा सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल…

Update: 2025-05-05 14:31 GMT

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। जम्‍मू कश्‍मीर के पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले में 26 निर्दोषों की मौत हुई थी जिसके बाद भारत ने पाकिस्‍तान के विरोध में कड़े कदम उठाए हैं।

इसी बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है, बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने देश के सभी राज्यों को निर्देश जारी किया है कि 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल (Civil Defence Mock Drill) आयोजित की जाए।

इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह है कि देश के नागरिकों और संस्थानों को किसी भी आपदा या शत्रु हमले की स्थिति में तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार किया जा सके।

मॉक ड्रिल में होंगे कई स्तरों पर अभ्यास:

1. एयर रेड वॉर्निंग सायरन:

ड्रिल के दौरान विभिन्न स्थानों पर एयर रेड सायरनों का संचालन किया जाएगा ताकि लोगों को संभावित हवाई हमले की चेतावनी दी जा सके। इससे नागरिकों में अलर्टनेस की भावना विकसित होगी।

2. ब्लैकआउट अभ्यास:

रात के समय बिजली की आपूर्ति अचानक रोककर ब्लैकआउट की स्थिति का अभ्यास किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि दुश्मन को किसी रणनीतिक स्थान को निशाना बनाना मुश्किल हो।

3. संवेदनशील संस्थानों की कैमोफ्लाज रणनीति:

महत्वपूर्ण संस्थानों जैसे जल संयंत्र, बिजलीघर, रेलवे स्टेशन आदि को छिपाने की रणनीति अपनाई जाएगी, जिससे युद्ध या आतंकी हमले के समय इन्हें बचाया जा सके।

4. निकासी योजना (Evacuation Plan):

यदि किसी क्षेत्र को तुरंत खाली कराने की जरूरत पड़े, तो किस तरह से लोगों को सुरक्षित निकाला जाए, इसका रिहर्सल किया जाएगा।

5. छात्रों और नागरिकों को विशेष प्रशिक्षण:

स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकों को सिखाया जाएगा कि किसी हमले की स्थिति में कैसे खुद को और दूसरों को सुरक्षित रखें। यह प्रशिक्षण संकट के समय आत्मनिर्भरता और सहयोग की भावना विकसित करेगा।

केंद्र सरकार का कड़ा रुख: सेना को दी गई खुली छूट

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन मोड में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी मौजूद थे। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने सेना को खुली छूट दे दी है — अब सेना खुद तय करेगी कि कब, कहां और किस पर कार्रवाई करनी है।

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की इस सख्त रणनीति का उद्देश्य न केवल आतंकी गतिविधियों को कुचलना है, बल्कि आम नागरिकों को मानसिक और रणनीतिक रूप से हर आपात स्थिति के लिए तैयार करना भी है।

क्यों जरूरी है यह मॉक ड्रिल?

हाल के वर्षों में आतंकी हमलों, प्राकृतिक आपदाओं और साइबर खतरों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। ऐसे में सिर्फ सेना या पुलिस बल की तैयारी ही पर्याप्त नहीं है। आम जनता की सहभागिता और सजगता equally जरूरी है। मॉक ड्रिल से न केवल प्रतिक्रिया क्षमता का आकलन होगा, बल्कि प्रशिक्षण के ज़रिए जान-माल की रक्षा में भी मदद मिलेगी।

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