भिलाई: हिन्दू बनकर रह रही थी बांग्लादेशी मुस्लिम महिला, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
- अवैध तरीके से पहचान छुपाकर रह रहा था दंपत्ति - 4 दिन के भीतर दूसरी गिरफ्तारी
भिलाई। अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत एसटीएफ ने एक दंपत्ति को गिरफ्तार किया है। सुपेला के कांटे्रक्टर कॉलोनी में शाहिद खातून नाम की बांग्लादेशी महिला ज्योति बनकर अपने पति रासेल शेख के साथ रह रही थी। महिला घरों में काम करती है और पति मजदूरी करता है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसटीएफ प्रभारी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि दोनों बांग्लादेश के निवासी हैं और भारत जिस वीजा पासपोर्ट से आए थे, वो एक्सपायर हो गया है। वो यहां अपना नाम बदलकर भिलाई में किराए के मकान में रह रही है।
2017 में की शादी
पुलिस के मुताबिक, 2017 में ज्योति ने रासेल शेख से शादी की थी। इसके बाद दोनों ने पासपोर्ट और वीजा के आधार पर भारत में प्रवेश किया। इस दौरान ज्योति का वीजा 1& सितंबर 2018 को और रासेल का वीजा 12 अप्रैल 2020 को समाप्त हो गया था। इसके बाद भी दोनों यहां अवैध तरीके से रह रहे थे। भिलाई में रहते हुए ज्योति ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र और पासपोर्ट बना लिया था। इसके बाद वे यहां रहकर इंटरनेट कॉल और वॉट्सएप के जरिए बांग्लादेश में अपने परिजनों से संपर्क में थे।
बोंगा बार्डर में भारत में घुसी
दुर्ग एसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि शाहिदा खातून 2009 में भारत आ चुकी थी। उसने भारत बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बोंगा बॉर्डर से अवैध तरीके से घुसपैठ कर नॉर्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया था। इसके बाद वो हावड़ा होते हुए मुंबई पहुंची और वहां मेहनत मजदूरी करने लगी। यहां उसकी पहचान बांग्लादेश निवासी मो. रासेल से हुई। दोनों मुंबई से वापस पश्चिम बंगाल आ गए। यहां शाहिदा ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया। इसके बाद वहां उन दोनों ने शादी कर लिया। फिर दोनों कुछ दिन तक वहां रहने के बाद बांग्लादेश चले गए। वहां से फिर साल 2017 में भारतीय वीजा पासपोर्ट के आधार पर भारत आए और फिर वापस ही नहीं गए।
दूसरी गिरफ्तारी
इससे पहले एसटीएफ ने बुधवार को अवैध तरीके से रह रही बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है। पिछले 2 साल से वह पहचान छिपाकर किराए के घर पर रह रही थी। पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराने पर मकान मालिक को भी पकड़ा गया है।