नई दिल्ली/वॉशिंगटन। सोशल मीडिया ज्यादा तर लोग किसी भी जानकारी को सही या फर्जी (गलत) होने की जांच किए बगैर ही साझा करते हैं। यह जानकारी एक शोध में सामने आई है।
ओहायो यूनिवर्सिटी (अमेरिका) के शोधकर्ताओं ने पाया कि सोशल मीडिया पर गलत सूचना का पता लगाने के लिए कई कारकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ओहायो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एम. लईक खान ने कहा कि 'इस अध्ययन से यह समझने में आसानी होगी कि कोई व्यक्ति सैद्धांतिक दृष्टिकोण और सूचना साक्षरता कारकों का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया पर गलत सूचना साझा क्यों करेगा।'
कुछ कारकों पर गौर करके यह अनुमान लगाना संभव है कि क्या लोग कुछ कारकों पर आधारित गलत सूचना साझा कर सकते हैं। यह पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया।
खान ने एक बयान में कहा, 'फेक न्यूज और गलत सूचना को हमारे समय का सबसे बड़ा मुद्दा कहा जा सकता है।' शोध पूर्वानुमान की जांच के लिए खान ने अमेरिकी रूपरेखा में इंडोनेशिया से आंकड़े जुटाए।