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अब मोबाइल नंबर पोर्ट कराना होगा आसान

-16 दिसम्बर से नया नियम लागू

Update: 2019-12-11 05:28 GMT

नई दिल्‍ली। मोबाइल उपभोक्‍ताओं के लिए एक अच्‍छी खबर है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नंबर पोर्टबिलिटी प्रक्रिया को आसान बनाते हुए मंगलवार को संशोधित मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) प्रक्रिया के लिए नोटिस जारी किया है। इससे 16 दिसंबर से नंबर पोर्टिंग की प्रक्रिया तेज और सुगम हो जाएगी।

एमएनपी के तहत कोई भी उपभोक्ता अपने मौजूदा ऑपरेटर को बदल सकता है लेकिन उसका मोबाइल नंबर कायम रहेगा।

ट्राई की ओर से नई प्रक्रिया को विशिष्ट पोर्टिंग कोड (यूपीसी) का सृजन करने की शर्त की लाया गया है। इसके तहत सर्विस एरिया के अंदर अगर कोई उपभोक्‍ता मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के लिए आग्रह करता है, तो उसे 3 कार्य दिवस (वर्किंग-डे) में पूरा करना होगा।

वहीं, एक सर्किल से दूसरे सर्किल में नंबर पोर्ट के आग्रह को 5 कार्य दिवस में पूरा करना होगा। ट्राई ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है कि कॉरपोरेट मोबाइल कनेक्शनों की पोर्टिंग की समय-सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

दूरसंचार नियामक ने जारी पत्र में कहा है कि मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी प्रक्रिया में संशोधन किया गया है। संशोधित एमएनपी प्रक्रिया में यूपीसी तभी बनेगा जबकि ग्राहक अपने मोबाइल नंबर को पोर्ट करने के पात्र होगा। यह प्रक्रिया 16 दिसंबर से लागू होगी। इससे मोबाइल उपभोक्ता यूपीसी का सृजन कर सकेंगे और मोबाइल नंबर पोर्टिंग प्रक्रिया का फायदा उठा सकेंगे।

ट्राई के संशोधित एमएनपी नियम के तहत पोस्ट पेड मोबाइल कनेक्शनों के मामले में ग्राहक को अपने बकाया के बारे में संबंधित आपरेटर से प्रमाणन लेना होगा और मौजूदा आपरेटर के नेटवर्क पर उसे कम से कम 90 दिन तक सक्रिय रहना होगा। लाइसेंस वाले सेवा क्षेत्रों में यूपीसी 4 दिन के लिए वैध होगा। वहीं जम्मू-कश्मीर, असम और पूर्वोत्तर सर्किल में यह 30 दिन तक वैध रहेगा। 

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