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जम्मू-कश्मीर में अफसरों की कमी, केंद्र सरकार के विभागों में पत्र भेजकर मांगे गए नाम

Update: 2020-11-10 05:35 GMT

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अफसरों की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र की विभिन्न सेवाओ से अफसरों को भेजा जा सकता है। केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में पत्र भेजकर जम्मू-कश्मीर भेजने के लिए अफसरों को चिन्हित करने और उनकी इच्छा जानकर सहमति सहित अन्य प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है। ग्रुप ए सेवा के अफसरों से विकल्प मांगे जा रहे हैं।

केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में एक ज्ञापन पत्र भेजकर कहा गया है कि यह अनुरोध किया जाता है कि केंद्रीय सिविल सेवा, यूपीएससी द्वारा आयोजित केंद्रीय सिविल परीक्षाओं के माध्यम से चयनित भारतीय रक्षा लेखा सेवा, इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज सेवा,भारतीय रक्षा संपदा सेवा आदि के अफसरों से उनकी इच्छा जानकर उपयुक्त अफसरों की सूची तैयार करें। इच्छुक अफसरों के लिए दिशा-निर्देश के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में काम करने के लिए सहमति प्राप्त करने और कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी से अनापत्ति हासिल करने,विजिलेंस क्लियरेंस आदि प्रक्रिया पूरी करने को कहा गया है। इसी तरह का पत्र भारतीय रेलवे अकाउंट सेवा, भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा, भारतीय रेलवे यातायात सेवा और रेलवे सुरक्षा बल से संबंधित ग्रुप ए अफसरों की सहमति हासिल करने के लिए भेजा गया है।

अविभाजित जम्मू-कश्मीर में लगभग चार लाख सरकारी कर्मचारी हैं। जम्मू-कश्मीर में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की कुल स्वीकृत छमता क्रमशः 137 और 147 पदों की है। इस समय 58 आईएएस और 66 आईपीएस अधिकारियों में से सभी केंद्रशासित प्रदेश में नहीं है। इनमें से कुछ केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं। जबकि कुछ निलंबित हैं।

सूत्रों का कहना है कि रिटायरमेंट, प्रतिनियुक्ति और अन्य वजहों से कुल छमता में अफसर मौजूद नहीं रहते। सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले से अफसरों की कमी है। साथ ही एक साल से ज्यादा का समय बीतने के बाद भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के बीच अधिकारियों के कैडर आवंटन की प्रक्रिया पूरी नही हो पाई है। ऐसे में विभिन्न केंद्रीय सेवाओ के जरिये कमी पूरी की जा सकती है।

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार, जम्मू और कश्मीर कैडर के आईएएस, आइपीएस और अन्य केंद्रीय सेवाओं के अफसर अपनी सेवाएं इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में यथावत जारी रखेंगे, लेकिन इन सेवाओं में जो नई भर्तियां होंगी।

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