भाजपा के ऑफर पर शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, बताया क्या है उनकी रणनीति ?
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार कुछ दिनों पहले राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से पुणे में मिले थे
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि मुंबई में इंडिया आघाड़ी की बैठक में विपक्षी एकता को और मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा। वे किसी भी कीमत पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नहीं जाएंगे। हालांकि उनपर दबाव बनाया जा रहा है।
शरद पवार ने संभाजी नगर में पत्रकारों को बताया कि अजीत पवार ने उनसे परिवार से संबंधित कारणों से मुलाकात की थी। अजीत पवार के बच्चों की शादी होने वाली है। इस पर बड़ा बवाल मचा लेकिन वे पहले ही कह चुके हैं कि भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी नेताओं की एकता बनाए रखना जरूरी है। हम विपक्षी दलों ने बिहार और कर्नाटक में दो बैठकें कीं। छह राज्यों के मुख्यमंत्री और कुछ राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता वहां मौजूद थे। विपक्षी दलों के मंच का नाम इंडिया रखा गया। अब 31 अगस्त और 01 सितंबर को विपक्षी पार्टियों की बैठक होगी। इसकी तैयारी की जा रही है।
शरद पवार ने कहा कि हम इस पर विचार कर रहे हैं कि सामूहिक रूप से और एकजुट होकर लड़कर मोदी सरकार को कैसे विकल्प दिया जाए और कैसे जनमत संग्रह कराया जाए। शरद पवार ने कहा कि ऐसा करना तत्काल जरूरी है क्योंकि मोदी सरकार समाज में उन्माद बढ़ाने वाले फैसले ले रही है, जिससे पैदा हुई कड़वाहट उत्तर भारत में कई दिनों तक बनी हुई है।शरद पवार ने कहा कि हम लगातार कहते आ रहे हैं कि ये सरकार समाज में कटुता बढ़ा रही है, जाति-धर्म की खाई बढ़ा रही है। इसलिए राकांपा, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना भारत की बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे। हम इंडिया के घटक दलों से कहेंगे कि वे अपने राज्य में इस संबंध में आक्रामक रुख अपनाएं।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले उपमुख्यमंत्री अजीत पवार राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से पुणे में मिले थे। इस मुलाकात के बाद महाविकास आघाड़ी के सहयोगी दलों के नेताओं ने शरद पवार की भूमिका पर सवाल खड़ा किया था। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी इस बैठक पर सवाल उठाते हुए कहा था कि संभ्रम की स्थिति ठीक नहीं है। शरद पवार ने आज इस तरह की सभी चर्चाओं पर विराम लगाने का प्रयास किया है।