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हाईकमान के सामने दूसरी बार पेश हुए अमरिंदर सिंह, कहा - जल्द विवाद शांत कराएं

Update: 2021-06-22 14:49 GMT

चंडीगढ़।  पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान का कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। मंगलवार को दिल्ली दरबार में हाजिर हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जहां जल्द से जल्द पूरे विवाद को शांत करवाने की अपील की है, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार मंत्रियों और विधायकों से मुलाकातें कर समस्या का हल निकालने में जुटे हैं। वह नवजोत सिंह सिद्धू के मीडिया में दिए बयानों को लेकर नाराज भी बताए जा रहे हैं।

दिल्ली दरबार में कैप्टन ने लगाई हाजिरी

पंजाब सरकार में चल रहे विवाद को लेकर दूसरी बार हाईकमान के सामने पेश हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे विवाद को जल्द से जल्द खत्म करवाने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं निकला तो विपक्ष इस मुद्दे का भरपूर फायदा उठा सकता है। हाईकमान ने एक तरफ कैप्टन अमरिंदर सिंह को टीम का नेतृत्व करने की सलाह देते हुए कहा है कि वह अपने स्तर पर सभी अंसतुष्ट विधायकों की नाराजगी दूर करें तो दूसरी तरफ सिद्धू गुट को मनाने की भी पूरी कोशिश की जा रही है।

मंत्रियों-विधायकों के साथ मिल रहे हैं राहुल -

उधर, राहुल गांधी लगातार पंजाब के मंत्रियों और विधायकों से बातचीत कर रहे हैं। इसी सिलसिले में राहुल गांधी ने मंगलवार को कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, रजिया सुल्ताना, अरुणा चौधरी, भारत भूषण आशु और विधायक परगट सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान सभी ने राहुल से कहा कि पंजाब के मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाने की जरूरत है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो 2022 के चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे पहले राहुल गांधी ने सोमवार को अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला और फतेहगढ़ साहिब के विधायक कुलजीत सिंह नागरा समेत पंजाब के अन्य कुछ नेताओं से भी मुलाकात की थी। इन सभी नेताओं ने विधायकों के बेटों को नौकरियां देने का खुलकर विरोध किया था।

सिद्धू के बयानों ने बढ़ाई नाराजगी -

सूत्रों के मुताबिक पंजाब कांग्रेस की ओर से अंदरूनी कलह को सुलझाने के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी और राहुल गांधी नवजोत सिंह सिद्धू की मीडिया के सामने की गई बयानबाजी से खुश नहीं हैं। विशेष रूप से, उस बयान से उनमें तीखी नाराजगी है, जिसमें सिद्धू ने आरोप लगाया था कि पंजाब में "दो परिवार" लाभ उठा रहे हैं। कमेटी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना ​​है कि इस तरह के सार्वजनिक बयानों से बचना चाहिए।

ये है मामला - 

उल्लेखनीय है कि पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ, जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से चुनाव प्रचार के दौरान बेअदबी मामले पर तुरंत कार्रवाई का भरोसा देने के बावजूद इस मामले पर ढुलमुल रवैया अपनाने और अन्य चुनावी वादों को पूरा न करने को लेकर उनके अपने ही मंत्री और विधायक उनसे नाराज हो गए। उस पर दो विधायकों के बेटों को नौकरी देने के मुद्दे ने भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपनों की नाराजगी झेलने पर मजबूर कर दिया। इस बढ़ते विवाद पर लगाम कसने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में विशेष कमेटी का गठन कर उसे पंजाब में चल रही अंदरूनी कलह को सुलझाने और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

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