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बारिश के लिए तप कर रहे महंत रमण मुनि

बारिश के लिए तप कर रहे महंत रमण मुनि

Update: 2018-06-06 12:05 GMT

अच्छी बारिश की अरदास के साथ एक महात्मा अग्नि के बीच तपस्या कर रहे हैं। प्रतिदिन दोपहर दो घंटे जलते कंडों के बीच महात्मा उपासना कर रहे हैं। मथुरा रोड स्थित गांव हतीसा भगवन्तपुर के एक खेत में तीन ओर कंडे की आग जलाकर महात्मा ने तपस्या शुरू की है। पांच दिनों से पथवारी देवी मंदिर पर महंत रमण मुनि दोपहर दो घंटे तेज धूप में खुले आसमान के नीचे अग्नि तपस्या कर रहे हैं। पूर्णाहुति आगामी सात जून को होगी। रामचरितमानस के अखण्ड पाठ के बाद भंडारा भी होगा।

अग्नि तपस्या का विशेष महत्वमहंत रमण मुनि ने बताया कि महापुरुषों द्वारा प्रारंभ की गई अग्नि तपस्या का विशेष महत्व है। भारत सदैव से कृषि प्रधान देश रहा है। ज्येष्ठ माह की तपती धूप में जब किसान अपने खेतों में उपज पैदा करने की तैयारी करते थे तो उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए, अच्छी वर्षा के लिए संत महात्मा धूनी रमाते थे, तप करते थे। धूनी रमाते संत से प्रेरित होकर किसान भी पूरी लगन और मेहनत के साथ समाज के पोषण के लिए अधिक अन्न उपजाते थे। हतीसा भगवन्तपुर के विजय कुमार, राम सहाय, नंदकिशोर, ख्याली राम, कलुआ पण्डित, भुल्ला, नन्द किशोर चौधरी , बन्टी चौधर, वीरपाल, बाबूजी, सोनू आदि भंडारे की तैयारी में लगे हैं।

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