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लालू को ना हो जाए कोरोना, बदला जा सकता हैं वार्ड

Update: 2020-04-17 07:29 GMT

रांची। कोरोना महामारी के बीच भ्रष्टाचार के आरोप में सजा काट रहे आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का अस्पताल में वार्ड बदला जा सकता है। तबीयत खराब होने की वजह से जेल से रिम्स में शिफ्ट किए गए लालू यादव की सेहत को लेकर आरजेडी कार्यकर्ता और उनके शुभचिंतक परेशान हैं। रिम्स के पेइंग वार्ड में साजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को लेकर उनके शुभचिंतक और पार्टी कार्यकर्ताओं को अब कोरोना संक्रमण का भय सता रहा है। पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि लालू यादव को रिम्स में ही दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाए। हालांकि लालू यादव के वकील ने बताया कि उनकी तरफ से ना तो परोल और ना ही लालू यादव का वार्ड बदलने का कोई आवेदन दिया गया है।

झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार इजाफा होते देख आरजेडी नेताओं की ओर से आशंका जताई जा रही है कि रांची के रिम्स में भर्ती लालू प्रसाद यादव की सेहत को खतरा हो सकता है। इसलिए लालू प्रसाद यादव को किसी दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दोना चाहिए। लालू प्रसाद के शुभचिंतको का कहना है कि आरजेडी सुप्रीमों जिस वार्ड में रह रहे हैं, उसी के नजदीक में कोरोना सेंटर भी बनाया गया है। ऐसे में लालू यादव भी संक्रमित न हो जाएं इसकी चिंता अब उनके प्रशंसक और उनके परिजनों को सताने लगी है।

उन्होंने बताया कि लालू प्रसाद यादव जिस पेइंग वार्ड में हैं उससे करीब पचास-साठ मीटर दूर, सड़क की दूसरी ओर स्थित एक भवन में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज किया जा रहा है। अधिवक्ता प्रभात कुमार ने यह भी बताया कि आरजेडी सुप्रीमों जिस वार्ड में है उसके उपर वाले फ्लोर पर, कोरोना संक्रमित या संदिग्ध का इलाज करने वाले डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टॉप के लिए आइसोलेशन वार्ड या क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है।

प्रभात कुमार ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि झारखंड सरकार ही लालू प्रसाद यादव को वर्तमान वार्ड से कैंसर वार्ड में शिफ्ट करने पर विचार कर रही है। बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए, पिछले दिनों हुई हेमंत कैबिनेट की बैठक में लालू यादव को परोल पर रिहा करने को लेकर चर्चा तो की गई, लेकिन सरकार कोई फैसला नहीं ले सकी थी। जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण को देखते हुए अदालत ने रांची के होटवार जेल में बंद मे दो कैदी को बुधवार और गुरुवार को 18 कैदियों को सशर्त रिहाई दी है। रिहा होने वाले कैदियों को 45 दिनों के बाद अदालत में आत्मसमर्पण करना होगा।

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