तेलंगाना में नई क्रांति का आगाज करेगी कालेश्वरम परियोजना
तेलंगाना सरकार के महत्वाकांक्षी कालेश्वरम परियोजना के पूरा करने के लिए एमईआईएल कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई पंपिंग स्टेशन का निर्माण कर रही है, जो जमीन की सतह से 330 मीटर गहराई में स्थित है।
करीमनगर/नई दिल्ली। तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार की प्राथमिकता आम जनता को पीने के लिए स्वच्छ जल और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना था। राज्य सरकार ने इसके लिए कालेश्वरम परियोजना की परिकल्पना की, जिसे जमीन पर उतारने का काम मेघा इंजिनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) कंपनी संभाल रही है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद तेलंगाना प्रदेश न सिर्फ सिंचाई के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा बल्कि अपने पड़ोसी राज्यों को भी पानी उपलब्ध कराने में सक्षम होगा।
तेलंगाना सरकार के महत्वाकांक्षी कालेश्वरम परियोजना के पूरा करने के लिए एमईआईएल कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई पंपिंग स्टेशन का निर्माण कर रही है, जो जमीन की सतह से 330 मीटर गहराई में स्थित है। यह न सिर्फ अभियांत्रिकी तकनीक का कमाल है बल्कि आसपास के जिलों और गांवों के सैंकड़ों किसानों की उम्मीदों का नतीजा भी है। परियोजना को पूरा करने में जुटे एमईआईएल के निदेशक वी. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि तेलंगाना के करीमनगर जिले के लक्ष्मीपुर गांव में जमीन के 330 मीटर नीचे पंपिंग स्टेशन बनाया गया है। यह पपिंग स्टेशन गोदावरी नदी के पानी को तेलंगाना के कई हिस्सों में पहुंचाने का काम करेगा। कालेश्वरी लिफ्ट सिंचाई परियोजना अपने आप में अद्वितीय है। इसकी वृहत संरचना एक किलोमीटर के तिहाई हिस्से में जमीन के नीचे स्थित है| इस तरह की बड़ी संरचना को इतनी गहराई में संचालित करने का काम विश्व में पहली बार किया जा रहा है। इस परियोजना से तेलंगाना में नई क्रांति आनी तय है।
वास्तव में ये दुनिया का एक आश्चर्य ही है जिसके तहत वृहद पैमाने पर इस सिंचाई स्कीम में जमीन के भीतर पानी के भंडारण का दोहन किया जाता है। आम तौर पर सिंचाई इरिगेशन परियोजनाओं के लिए पंप हाउस नदियों के किनारे या ऊंचाई पर बनाया जाता है। इसके उलट कालेश्वरी लिफ्ट सिंचाई योजना अपने आप में अद्वितीय है। इस पंप हाउस का निर्माण 3 टीएमसी पानी हरेक दिन संवहन करने की क्षमता को ध्यान में रखकर कराया जा रहा है।
रेड्डी ने बताया कि कंपनी ने जमीन के नीचे कई मंजिला पंपिंग स्टेशन का निर्माण कर दुनिया में अपना नाम इतिहास में दर्ज करवाने का काम भी किया है। उन्होंने बताया कि गोदावरी नदी का पानी एक सुरंग के जरिए जमीन के 330 मीटर नीचे एकत्र किया जाएगा। उसके बाद इस पानी को पंप के जरिए तेलंगाना के विभिन्न रिजर वायर और बांधों में पहुंचाया जाएगा। इतना ही नहीं एमआईएल ने जमीन के अंदर 400 किलोवाट का ट्रांसफार्मर स्थापित कर इतिहास रचने का काम किया है। यह ट्रांसफार्मर पंपों को बिजली पहुंचाने का काम करेगा। तेलंगाना सरकार की इस परियोजना का लाभ किसानों को अगस्त से मिलना शुरू हो जाएगा।
तेलंगाना के सिंचाई मंत्री टी हरीश राव ने इस परियोजना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि इससे किसानों को सिंचाई के लिए पूरे साल पानी मिलेगा। इससे सूबे में आम जनता के लिए पीने के पानी की समस्या दूर होगी और उद्योगों को भी इसका लाभ मिलेगा। वी. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि एक बार परियोजना पूरी हो जाए तो 37.08 लाख एकड़ को भूमि सिंचित करना सुनिश्चित किया जा सकता है। फिलहाल 18.82 लाख एकड़ की सिंचाई का लक्ष्य परियोजना के जरिए पूरा कर लिया गया है। यह अपने आप में रिकॉर्ड है कि किसी एक परियोजना के जरिए इतने बड़े भूभाग को सिंचाई की जा सकेगी।
एमईआईएल इस वृहत और जटिल संरचना को मूर्तरूप देने के काम में जुटा हुआ है। इंजीनियरिंग टीम और दक्ष कर्मी इस काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए दिन-रात एक कर काम कर रहे हैं, ताकि किसानों और बाकी पानी की जरूरतों को सही समय और उचित मात्रा में पूरी की जा सके।