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पुलवामा हमले के बाद पहली बार एक साथ बैठेंगे भारत-पाक के अधिकारी

गुरुवार को तैयार होगा करतारपुर कोरीडोर का ड्राफ्ट, अटारी चेक पोस्ट पर बैठक की सभी तैयारियां पूरी

Update: 2019-03-13 12:05 GMT

चंडीगढ़। भारत-पाकिस्तान के बीच संबंधों में आई तल्खी के चलते करतारपुर कोरीडोर का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गुरुवार 14 मार्च को दोनों देशों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक अटारी बार्डर पर बने भारतीय चेक पोस्ट पर होगी। पुलवामा हमले के बाद यह पहला मौका है जब पाकिस्तान के अधिकारी सीमा पार करके न केवल भारत आ रहे हैं बल्कि यहां बैठक कर करतारपुर कोरीडोर के ड्राफ्ट को अंतिम रूप भी देंगे। अटारी चेक पोस्ट पर बैठक की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है | बैठक गुरुवार की सुबह साढ़े दस बजे से होगी |

पंजाब सरकार ने गुरू नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में न केवल वर्षभर के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया है बल्कि केंद्र सरकार से करतारपुर का रास्ता खोलने की मांग भी उठाई है । भारत सरकार ने इस संबंध में पाकिस्तान सरकार से समन्वय कायम करके करतारपुर कोरीडोर की स्थापना के लिए पहल व बातचीत एक रास्ता तैयार किया है |

करतारपुर कोरीडोर को खोलने के लिए पहले दोनों देशों के अधिकारियों की यह बैठक पहले दिल्ली में होनी थी जिसे पुलवामा हमले के बाद स्थगित कर दिया गया था | अब बैठक का स्थान बदलकर अटारी चेक पोस्ट पर कर दिया गया है। गुरुवार की सुबह साढ़े दस बजे से शाम चार बजे तक अटारी बार्डर पर स्थित भारतीय चेक पोस्ट पर बैठक होगी | बैठक में भारतीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनिल मलिक के नेतृत्व में विदेश मंत्रालय तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। दूसरी तरफ पाकिस्तान की तरफ से पाक विदेश मंत्रालय के डीजी मोहम्मद फैजल के नेतृत्व में अधिकारियों का एक दल भारतीय सीमा में आकर बातचीत करेगा | दोनों देशों के अधिकारी मिलकर करतारपुर कोरीडोर का मसौदा तैयार करेंगे ताकि इसके निर्माण की दिशा में ठोस प्रगति हो सके ।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार करतारपुर कोरीडोर के पास भारतीय सीमा में 190 करोड़ की लागत से टर्मिनल बिल्डिंग व कैंपस का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा भारतीय सीमा में 300 फुट ऊँचा तिरंगा भी फहराने की व्यवस्था की जाएगी जिसे भारतीय पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश करने के बाद भी देख सकते हैं। इस बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों द्वारा श्रद्धालुओं को पाकिस्तान भेजने की प्रक्रिया पर भी विचार-विमर्श किया जायेगा और उसका एक स्वरूप भी तय किया जायेगा।

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