बारिश से धान को भारी नुकसान, मध्य प्रदेश के कई जिलों में खेत जलमग्न- फसलें बह गईं
मध्य प्रदेश में एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। रविवार सुबह श्योपुर जिले में जमकर पानी गिरा। सलवानिया बुखारी गांव में खेतों में काटकर रखी गई धान की फसल बह गई। इसके अलावा नर्मदापुरम, विदिशा, सीहोर सहित कई जिलों में भी धान की फसल को नुकसान हुआ है। भोपाल-इंदौर में शनिवार रात से ही रुक-रुककर बारिश जारी है।
20 से अधिक जिलों में हुई बारिश
पिछले 24 घंटे में प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में बारिश दर्ज की गई। खरगोन में सबसे अधिक डेढ़ इंच पानी गिरा। वहीं भोपाल में रातभर रिमझिम बारिश होती रही।
उज्जैन और सागर में पौन इंच
मंडला और बालाघाट में आधा इंच
बैतूल, दमोह और जबलपुर में भी हल्की वर्षा हुई
इन जिलों में रहेगा सिस्टम का असर
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में इंदौर संभाग के धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में तेज बारिश हो सकती है। यहां 2.5 से 4.5 इंच तक पानी गिरने की संभावना जताई गई है।इंदौर, उज्जैन, रतलाम, आगर-मालवा, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, शाजापुर, सीहोर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट है।
29 अक्टूबर तक बारिश के आसार
मौसम विभाग ने 27 से 29 अक्टूबर तक बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट जारी किया है।इसका असर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभागों में देखने को मिलेगा।बीते दिनों रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, लेकिन बारिश के कारण अब तापमान में हल्की बढ़ोतरी हुई है। बारिश का दौर थमने के बाद रात के तापमान में फिर से गिरावट आने की संभावना जताई गई है।
किसानों को दोहरी मार
मौसम विभाग ने मानसूनी सीजन में 106 प्रतिशत बारिश का अनुमान जताया था, लेकिन प्रदेश में औसत से 15 प्रतिशत ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर-चंबल संभाग में तो दोगुनी बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस अनियमित बारिश से धान की फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं — कटाई के बाद खेतों में रखी फसलें बह गईं या सड़ने लगी हैं। किसानों को अब मुआवजे की उम्मीद है।